
पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से लेकर शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि तक दीपोत्सव मनाया जाता है। आम तौर पर दीपोत्सव 5 दिन तक चलता है, जिसमें धनतेरस, नरक चतुर्थी (छोटी दिवाली), मुख्य दिवाली (लक्ष्मी पूजन), गोवर्धन पूजा और भाई दूज शामिल हैं। यही कारण है कि दिवाली को केवल एक दिन का त्योहार नहीं बल्कि पांच दिनों तक चलने वाला प्रमुख उत्सव माना जाता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है।
इस साल दीपोत्सव 6 दिनों तक मनाया जाएगा
2025 में दीपोत्सव 18 अक्टूबर से शुरू होकर 23 अक्टूबर तक चलेगा। त्रयोदशी तिथि में वृद्धि होने के कारण यह उत्सव 6 दिनों का हो गया है। तिथि में बदलाव के कारण त्योहारों की तारीखों में भी अंतर आता है।
त्योहारों का क्रम इस प्रकार रहेगा:
शनिवार, 18 अक्टूबर – दिन के 12:19 बजे तक द्वादशी तिथि रहेगी, इसके बाद त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी। इस दिन धनतेरस का पर्व मनाना शुभ रहेगा।
रविवार, 19 अक्टूबर – त्रयोदशी तिथि दोपहर 01:51 बजे तक रहेगी। इस दिन त्रयोदशी की पूजा और खरीदारी भी की जा सकती है। भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त शुभ रहेगा।
सोमवार, 20 अक्टूबर – कार्तिक कृष्ण की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाएगी। चतुर्दशी तिथि दोपहर 3:45 बजे तक रहेगी, इसके बाद अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी। प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन भी इसी दिन होगा।
मंगलवार, 21 अक्टूबर – इस दिन दिवाली के अगले दिन होने के बावजूद गोवर्धन पूजा नहीं होगी क्योंकि इस दिन अमावस्या तिथि ही है।
बुधवार, 22 अक्टूबर – कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि रहेगी। इस दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का भोग भगवान कृष्ण को लगाया जाएगा।
गुरुवार, 23 अक्टूबर – दीपोत्सव का छठा दिन भाई दूज का रहेगा। बहनें अपने भाइयों को घर बुलाकर उनका टीका करती हैं, भोजन कराती हैं और उनके दीर्घायु की कामना करती हैं।
Disclaimer: यह जानकारी केवल मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। APN NEWS किसी भी जानकारी या मान्यता की पुष्टि नहीं करता। किसी भी पूजा या अनुष्ठान को करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है।