Chandra Grahan 2025: मंदिरों के कपाट बंद, भाद्रपद पूर्णिमा पर लगने वाले ग्रहण का महत्व और धार्मिक मान्यताएं

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Chandra Grahan 2025
Chandra Grahan 2025

पितृ पक्ष की शुरुआत इस बार चंद्र ग्रहण के साथ हो रही है। रविवार सुबह मंदिरों में नियम अनुसार पूजा-अर्चना के बाद जैसे ही सूतक काल शुरू हुआ, सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए।

7 सितंबर को लगेगा साल का सबसे खास चंद्र ग्रहण

इस साल का सबसे अहम चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगने वाला है। खास बात यह है कि यह भारत में दिखाई देगा। इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा भी पड़ रही है। लगभग 100 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है जब पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से हो रही है। हालांकि चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसे शुभ नहीं माना जाता।

भारत में दिखाई देगा लाल चांद

जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और तीनों एक सीध में आ जाते हैं, तब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है और चंद्र लालिमा लिए दिखाई देता है। इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

कब लगेगा और कितनी देर रहेगा ग्रहण?

पितृ पक्ष के पहले दिन लगने वाला यह चंद्र ग्रहण शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में होगा। भारत में ग्रहण की शुरुआत रात 9:58 बजे होगी और समापन 1:26 बजे देर रात तक रहेगा। इस दौरान ग्रहण का सबसे गहन समय रात 11:42 बजे होगा। कुल मिलाकर भारत में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण 3 घंटे 28 मिनट तक दिखाई देगा।

सूतक काल और धार्मिक मान्यताएं

चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक लगते ही किसी भी शुभ कार्य पर रोक लग जाती है। भाद्रपद पूर्णिमा पर लोग स्नान-दान, सत्यनारायण कथा, शिव और हनुमान जी की विशेष पूजा करते हैं।

सूतक शुरू होने से पहले क्या करें?

चूंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए परंपरा के अनुसार ग्रहण शुरू होने से पहले घर के सभी तरल पदार्थों में तुलसी या कुशा डालने की सलाह दी जाती है ताकि भोजन पर अशुभ प्रभाव न पड़े। घर के मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। गर्भवती महिलाओं को खान-पान और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की हिदायत दी जाती है। साथ ही इस दौरान अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि APN NEWS किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।