सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को समलैंगिक विवाह मामले पर अपना फैसला सुनाया। अदालत की पांच जजों की संविधान पीठ ने समलैंगिक जोड़ी को शादी की कानूनी मान्यता देने से इंकार किया। CJI और जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस भट्ट ने समलैंगिक जोड़ों को शादी की मान्यता देने से इंकार कर दिया है। जस्टिस भट्ट ने भी मान्यता देने से इंकार किया। इसके अलावा जस्टिस हिमा कोली और जस्टिस नरसिम्हन ने भी जस्टिस रवींद्र भट्ट के फैसले का सपोर्ट किया। संविधान पीठ ने बहुमत से कहा कि शादी का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने समलैंगिक विवाह को वैध बनाने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि यह विधायिका का अधिकार क्षेत्र है।