मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज बिहार सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार पर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड मामले की जांच में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है।
#BREAKINGNEWS: #मुजफ्फरपुर_बालिका_गृह कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने #बिहार_सरकार को लगाई फटकार,उचित कार्रवाई नहीं करने से कोर्ट ने दिखाई नाराजगी, कहा- यह अमानवीय और लापरवाहीपूर्ण है#supremecourt
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) November 27, 2018
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले को लेकर बेहद कमजोर एफआईआर दर्ज की गई है। कोर्ट ने कहा कि एफआईआर में न तो यौन शोषण का जिक्र किया गया और ना ही वित्तीय अनियमितताओं का। फिर आरोपियों की गिरफ्तारी कैसे होगी।
#BREAKINGNEWS: #SC की बिहार सरकार को चेतावनी, धारा-377, पोक्सो एक्ट के मुकदमे दर्ज नहीं होने से जताई नाराजगी, कहा- ऐसे अपराधों पर दर्ज नहीं हुई FIR तो होगी कार्रवाई, कोर्ट ने #CBI के वकील से टाटा संस्थान (TISS) की रिपोर्ट पर निर्देश लेने के लिए कहा
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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को इसमें दर्ज एफआईआर को बदलने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार से अगले 24 घंटे में इस मामले में रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने को कहा है। अब इस मामले की कल सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार पर हमला बोला। तेजस्वी ने कहा कि सिर्फ एफआईआर दर्ज करने में ही दो महीने लग गए। उसमें भी मुख्य अभियुक्त का नाम नहीं था। इस केस में जितने लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, वे सभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी हैं। सीएम आरोपियों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
बता दें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था।
मेडिकल जांच में शेल्टर होम की कम से कम 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई थी। पीड़ित कुछ बच्चियों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता था फिर उनके साथ रेप किया जाता था।
यह घटना सामने आने पर नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को खूब निशाना बनाया था।