कुदरत का कहर! प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा देश, वायनाड-हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक मचा हाहाकार

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कुदरत का कहर!
कुदरत का कहर!

प्राकृतिक आपदाओं से पूरे देश में वायनाड-हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक भारी तबाही का मंजर है। एक ओर जहां केरल के वायनाड में आए भूस्खलन में सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने के बाद जिस तरह से कुदरत का कहर देखने को मिल है, उसने सभी को डराकर रख दिया है। बात करें अगर राजधानी दिल्ली की तो वहां भी लोगों को भारी बारिश से जलजमाव का सामना करना पड़ा है।

बता दें कि वायनाड में भूस्खलन की चपेट में आकर 291 लोगों की मौत हुई है और 200 से ज्यादा लोगों के लापता होने की जानकारी है। मौसम विभाग की खबर के मुताबिक केरल में पांच अगस्त तक भारी बारिश होने वाली है। केरल के राजस्व मंत्री के. राजन ने जानकारी दी कि मृतकों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 225 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकतर मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों से हैं साथ ही उनका कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी ज्यादा परेशानी भी देखने को मिल रही है।

स्कूल-कॉलेज बंद

त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में स्कूल, कॉलेज और ट्यूशन सेंटर सहित सभी शैक्षणिक संस्थान शुक्रवार (2 अगस्त)को बंद रहेंगे। इडुकी और एर्नाकुलम में राहत कैंपों में बनाए गए स्कूलों को भी शुक्रवार को बंद रखा गया है। पलक्कड़ जिला कलेक्टर ने स्कूलों, आंगनबाड़ियों, ट्यूशन सेंटरों और मदरसों में छुट्टी की घोषणा कर दी है। मौसम विभाग ने बताया है कि केरल में पांच अगस्त तक भारी बारिश होने वाली है।

वायनाड में बढ़ रही मृतकों की संख्या

वायनाड में आए भूस्खलन के बाद आज भी वहां राहत-बचाव कार्य जारी है। जहां कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में 291 लोगों की मौत की बात कही जा रही है। वहीं केरल के राजस्व मंत्री राजन ने बताया कि आधिकारिक तौर पर 190 लोगों की मौत हुई है। ये संख्या तेजी से बढ़ रही है। वायनाड जिला प्रशासन के मुताबिक, मृतकों में 27 बच्चे और 76 महिलाएं शामिल हैं। 225 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकतर मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों से हैं।

केरल के मंत्री राजन के मुताबिक, वायनाड में 9,328 लोगों को 91 राहत कैंपों में भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से चूरलमाला और मेप्पाडी में भूस्खलन के की वजह से विस्थापित हुए 578 परिवारों के 2,328 लोगों को नौ राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

बादल फटने के बाद हिमाचल में तबाही

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की कई घटनाओं में पांच लोगों की मौत हुई है जबकि 50 के करीब लोग लापता हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने की घटना सामने आई। भारी बारिश की वजह से सड़कें बह चुकी हैं और राहत-बचाव अभियान कठिन हो गया है। भूस्खलन की वजह से मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर नुकसान पहुंचा है। एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस और होम गार्ड के जवान बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश में कई हिस्सों में बुधवार शाम से ही भारी बारिश हो रही है। राज्य में पालमपुर में सबसे अधिक 213 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। उत्तराखंड के केदारनाथ में भी बादल फटा था। NDRF और SDRF की टीमें हाई अलर्ट पर हैं।

उत्तराखंड में भारी बारिश

मौसम विभाग से मिली सूचना के अनुसार, पिछले 24 घंटों में अकेले देहरादून में ही 172 मिमी बारिश दर्ज की गई है। हरिद्वार के रोशनाबाद में सर्वाधिक 210 मिमी बारिश रिकार्ड की गई, जबकि रायवाला में 163 मिमी, हल्द्वानी में 140 मिमी, हरिद्वार में 140 मिमी, रूड़की में 112 मिमी, नरेंद्र नगर में 107 मिमी, धनोल्टी में 98 मिमी, चकराता में 92 मिमी और नैनीताल में 89 मिमी बारिश दर्ज हुई।

दिल्ली-मुंबई में भी बारिश का कहर

दिल्ली से लेकर मुंबई तक भारी बारिश ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। दिल्ली में बुधवार को भारी बारिश के कारण अलग-अलग घटनाओं में दिल्ली में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए। मुंबई में भी भारी बारिश लोगों के लिए परेशानी बन गई है। मौसम विभाग के मुताबिक अभी दो दिनों तक बारिश होने की पूरी संभावना है।