अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिये केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चार महीने का अल्टीमेटम देते हुए नवगठित अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि यदि सरकार निर्धारित समयावधि में विधेयक नहीं लाती है तो संत समाज लखनऊ से अयोध्या तक मार्च करेगा।

तोगडिया ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा “हम अयोध्या में राममंदिर निर्माण के संबंध में केन्द्र की मौजूदा भाजपा सरकार को लोकसभा में विधेयक लाने के लिये चार महीने का समय देते है अन्यथा साधु संत अक्टूबर में लखनऊ से अयोध्या तक पैदल मार्च करेंगे। “इससे पहले डा तोगडिया ने सोमवार को दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद के गठन की घोषणा की थी।

विश्व हिन्दू परिषद के भूतपूर्व नेता डा प्रवीण तोगडिया ने साफ किया कि वह 2014 से पहले खुद को धर्मनिरपेक्ष जताने वाले दलों का समर्थन नही करते थे मगर अब भाजपा सत्ता में है लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में वह भाजपा का समर्थन नही करेंगे। उन्होंने कहा कि मै किसी का नाम नही लेना चाहता लेकिन मौजूदा सरकार हिन्दूवादी दल के तौर पर पहचानी जाती है हालांकि यह सरकार 2014 में जनता को किये गये वादों को पूरा करने में नकारा साबित हुयी है जिसका परिणाम है कि कश्मीर समेत राज्य के अन्य हिस्सों में हिन्दुओं के हितों का क्षरण हुआ है।

डॉ. तोगडि़या ने कहा कि युवकों को रोजगार मुहैया कराने, धारा 370 को हटाने, गौवध पर प्रतिबंध,बांग्लादेशियों के अवैध प्रवेश पर रोक,बच्चो को अच्छी शिक्षा और किसानो की हालत को बेहतर करने समेत तमाम मोर्चो पर सरकार चार साल में विफल रही है। देश की अधिसंख्य हिन्दू आबादी को उनके अधिकार दिलाने के लिये उनका संगठन आंदोलन को विवश हुआ है। अहिप नेता ने इस मौके पर अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थान मंदिर का मसौदा बिल जारी किया और दोहराया कि अयोध्या के साथ काशी और मथुरा के लिये हिन्दु समुदाय मांगपत्र पर हस्ताक्षर करेगा। उन्होंने कहा कि करीब दस लाख हिन्दू कार्यकर्ता दस करोड़ हिन्दू परिवारों के घरों में जायेंगे और अयोध्या,काशी और मथुरा में भव्य मंदिरों के निर्माण के मांगपत्र पर हस्ताक्षर करायेंगे।

उन्होंने दावा किया कि उनका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पालनपुर में वर्ष 1987 में एक प्रस्ताव पारित हुआ था जिसमें अयोध्या मे राममंदिर की वकालत की गयी थी। प्रस्ताव में कहा गया था कि भाजपा जब सत्ता में आयेगी तो इस संबंध में द्वारका की तरह कानून बनाया जायेगा लेकिन विडंबना है कि भाजपा के सत्ता में चार साल बिताने के बाद भी कानून बनाने का वादा पूरा नही हो सका है।

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