उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में अपराधों पर रोक लगाने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। योगी सरकार ने संगठित अपराधों की रोकथाम के लिए महाराष्ट्र के मकोका कानून की तर्ज पर यूपीकोका लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में ऐसा फैसला लिया गया है जिससे प्रदेश में अपराधों की संख्या में गिरावट आना तय है।
#Lucknow: योगी कैबिनेट की बैठक खत्म, यूपीकोका प्रस्ताव को मिली मंजूरी, अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए है कोका कानून #YogiAdityanath #UttarPradesh
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) December 13, 2017
यूपीकोका के तहत कोई अगर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है तो उस मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें बनाई जाएगी. यूपी सरकार इस बिल को विधानसभा में गुरुवार को पेश करेगी। यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि यूपीकोका बिल को कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है और अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इससे भू-माफिया, खनन माफिया और संगठित अपराध पर रोक लगेगी।
हालांकि इस बैठक में कुछ और मसलों पर चर्चा हुई औऱ फैसले लिए गए । मसलन
यूपी राजस्व संहिता 2006 में संशोधन: अभी तक कलेक्टर के माध्यम से एसडीएम के पास पैसा आता था। अब 15 प्रतिशत पैसा सीधा तहसील में जायेगा, बाकी डीएम के पास जाएगा।
वक्फ अधिकरण रामपुर को समाप्त किया गया: लखनऊ के अधिकरण में ही रामपुर के अधिकरण को समाहित किया जा रहा है। 2 मार्च 2014 के बाद एकल सदस्य की बेंच बनाई गई और एकल सदस्य ने अपना निर्णय दिया। अब यह सब फुल बेंच में जाएगी।
केजीएमयू के तीसरे तल पर आईसीयू में प्रयुक्त उच्च विशिष्टियों को मंजूरी – पहले दिए गए पैसे से बहुत से चीजे नही हो पा रही थी और पैसे की जरूरत पड़ी इसके लिए प्रस्ताव को मंजूरी। इससे केजीएमयू अगले लेवल पर चल जाएगा।
वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना – अब सभी राजस्व गांवों में यह यूनिट बनेगी।
स्टांप ड्यूटी में छूट – इसमें देखा गया है कि रोजगार की संख्या के आधार पर कितनी छूट दे सकते हैं। प्रदेश के कैंपस से भर्ती ली जाएगी तो उन यूनिट को भी सुविधा दी जाएगी।
कॉर्प्स फंड की सुविधा – जो पहले 100 करोड़ थी वह 1000 करोड़ कर दी गई है। इसके साथ यूपी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग नीति को भी मंजूरी दी गई है। इसके लिए आंध्र, तमिल के नीतियों का दिया किया गया।
यूपी सचिवालय में बायोमीट्रिक उपस्थिति को मंजूरी – सभी अधिकारी ऊपर से लेकर नीचे तक इसमें आएंगे।
यूपी चावल निर्यात प्रोत्साहन योजना – 2017 से 2022 तक लागू करने को मंजूरी। निर्यातकों को मंडी शुल्क और विकास शुल्क में छूट। विश्व के किसी भी देश को चावल निर्यात यूपी से किया जा सकता है।