उत्तर प्रदेश की जनता को जल्द ही बिजली के मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बीते वर्षों के घाटे का हवाला देते हुए बिजली दरों में करीब 30% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को सौंपा गया है जिसमें बताया गया है कि 2025-26 के वित्तीय वर्ष में विभाग को 19,600 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
पावर कॉर्पोरेशन का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में बिजली की कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है, जिससे राजस्व अंतर लगभग 12.4% तक बढ़ चुका है। इसी अंतर को पाटने के लिए अब बिजली की दरों में बड़ी बढ़ोतरी की मांग की जा रही है। अगर नियामक आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो राज्य में अब तक की सबसे बड़ी बिजली दर वृद्धि देखने को मिल सकती है।
वहीं दूसरी ओर, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने UPPCL पर आरोप लगाया कि विभाग ने गलत आंकड़े प्रस्तुत किए हैं और जनता पर अतिरिक्त बोझ डालने की कोशिश की जा रही है। अवधेश वर्मा का कहना है कि वह जनता प्रस्ताव के माध्यम से नियामक आयोग में अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे और बिजली बिलों को 45 से 50 प्रतिशत तक कम करने की मांग रखेंगे।
उनका यह भी दावा है कि UPPCL पर उपभोक्ताओं का लगभग 35,000 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। वर्मा ने इसे निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने की साजिश बताते हुए कहा कि इससे सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंच सकता है।