विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) लगातार कुछ बड़े बदलाव कर रहा है। कुछ दिनों पहले ही यूजीसी ने नेट-जेआरएफ के लिए साल में सिर्फ एक बार परीक्षा आयोजित कराने का फैसला सुनाया था और अब खबर है कि यूजीसी नेट परीक्षाओं के सिलेबस में भी बदलाव करने की तैयारी में है।
बता दें कि यूजीसी पिछले एक दशक में पहली बार विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने और जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) की पात्रता के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के सिलेबस में बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए यूजीसी ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी कर दिया है। यह विशेषज्ञ समिति देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अभी पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम के आधार पर नेट के सिलेबस में बदलाव का ड्राफ्ट तैयार करेगी जिसे आयोग और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद यह फैसला लिया जाएगा कि इसे कब लागू करना है।
आपको बता दें कि यूजीसी नेट की परीक्षा 90 विषयों के लिए आयोजित कराई जाती है। इन सभी विषयों के सिलेबस में बदलाव के आयोग ने अभी तक 25 विशेषज्ञ समितियों का गठन किया है। आधुनिक पाठ्यक्रम के हिसाब से इन सभी 90 विषयों के सिलेबस संशोधित किए जाएंगे। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इस कार्य के लिए अभी और विषेषज्ञ समितियों का गठन किया जाएगा। नए सिलेबस ड्राफ्ट करने वाले पैनल में सिर्फ उन लोगों को लगाया गया है जो सक्रिय रूप से शिक्षण और अनुसंधान के कार्य में लगे हुए हैं।
इसके बारे में बात करते हुए यूजीसी के एक अधिकारी ने बताया कि नेट का मौजूदा सिलेबस कम से कम 10 साल पुराना है, जबकि इस बीच अधितकर विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में बदलाव हो चुका है। ऐेसे में नेट परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी जब असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर विश्वविद्यालयों में पढ़ाने जाते हैं तो उन्हें अपडेटेड पाठ्यक्रम के मुताबिक छात्रों के पढ़ाने में परेशानी आती है। इसलिए यूजीसी नेट के सिलेबस में जरूरी बदलाव करेगा ताकि सिलेबस ज्यादा गतिशील और वर्तमान शिक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम हो।