पुणे के रहने वाले दो स्कूली छात्रों ने अंतरिक्ष में छह क्षुद्रग्रहों की खोज की है। इस खोज को खगोल विज्ञान क्षेत्र में बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। खोज के दौरान छात्रों ने अपनी रिर्सच में पाया कि ये कुल 27 क्षुद्रग्रहों का एक हिस्सा थे।

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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के पूर्व सलाहकार (प्रौद्योगिकी और नीति) श्रीजन पाल सिंह और कलाम सेंटर के संस्थापक ने कहा, “इन क्षुद्रग्रहों को जानने और उनकी मैपिंग करने के लिए हमारी खोज एक महत्वपूर्ण तत्व है”। इससे हमारे ग्रह के चारों ओर की चट्टानों की भी जानकारी मिलेगी।

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कलाम सेंटर और इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन ने क्षुद्रग्रह खोज को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसीमें दोनों छात्रों ने इतिहास रच दिया। अभियान में 9 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच आयोजित एक विश्वव्यापी कार्यक्रम के माध्यम से स्क्रीनिंग के बाद 22 प्रतिभागियों का चयन किया गया था।

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तब दुनिया भर से चुने गए प्रतिभागियों को मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच स्थित पृथ्वी के करीब डेटा और स्पॉट संभावित क्षुद्रग्रहों का विश्लेषण करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। सामूहिक रूप से, प्रतिभागियों ने 27 प्रारंभिक क्षुद्रग्रहों की खोज की।

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स्कूल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, छात्रों का नाम आर्य पेल्ट और श्रेया वाघमारे है। इनमें से, छह प्रारंभिक क्षुद्रग्रहों की पहचान पुणे के लोहेगांव में विखे पाटिल स्कूल के दो छात्रों द्वारा की गई थी।

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बता दें कि, क्षुद्रग्रहों को आमतौर पर 5 साल तक का समय लगता है जिसके बाद उन्हें आधिकारिक तौर पर माइनर प्लेनेट द्वारा सूचीबद्ध किया जा सकता है। “प्रारंभिक खोजें मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच स्थित मुख्य बेल्ट में पाए गए क्षुद्रग्रहों को लेकर है।

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