देशभर में एक के बाद नाबालिग बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म के मामले सामने आने से जहां एक ओर कानून व्यवस्था की पोल खुल रही हैं तो वहीं दूसरी ओर सरकार की भी किरकिरी हो रही है। कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म मामले में जहां एक तरफ बॉलीवुड सेलेब्स ने हाथ में तख्ती लेकर आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी, तो वहीं दूसरी ओर शनिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल बैठक के दौरान POCSO एक्ट में बदलाव कर 12 साल तक की बच्चियों के साथ रेप करने वालों को मौत की सजा देने के प्रावधान पर भी मुहर लग गई। इसी बीच मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
#NEWS: 16 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप के मामले में सजा 10 साल से बढ़ाकर 20 साल की गई जिसे उम्र कैद तक बढ़ाया जा सकता है।
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) April 21, 2018
उन्होंने कहा, “बच्चों और महिलाओं के साथ पहले भी अपराध होते थे। लेकिन मौजूदा समय में इन्हें ज्यादा पब्लिसिटी मिल रही है। ऐसे हादसे जो आज हो रहे हैं नहीं होने चाहिए, इससे देश का नाम खराब हो रहा है।”
Daily newspaper reports of rape happening in every part of our country! Kathua, Unnao are but 2 of the long list of shame. Can these mindless rapists even be classified as human beings? They are beasts on the rampage & shd be hanged to death for their heinous crimes
— Hema Malini (@dreamgirlhema) April 14, 2018
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ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने आगे कहा, बच्चों और महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को आज कल ज्यादा पब्लिसिटी मिल रही है। इसके ऊपर जरूर ध्यान दिया जाना चाहिए और बच्चियों के मां बाप को भी बच्चियों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा नहीं है कि उनको इधर उधर कही भी छोड़ दें। उन्होंने कहा, ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, इससे हमारे देश का नाम खराब हो रहा है। बता दें, हेमा मालिनी ने अपने विचार अपने संसदीय क्षेत्र मथुरा में मीडिया के सामने रखे। जहां वह स्कूल चलो अभियान रैली को हरी झंडी दिखाने पहुंची थी।
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बता दे, इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी को लंदन यात्रा के दौरान भारत में महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ उग्र प्रदर्शन झेलना पड़ा था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर 53 राष्ट्रमंडल देशों के ‘फ्लैग पोल’ पर लगे आधिकारिक झंडों में से तिरंगे को फाड़ दिया था। हालांकि जब भारत सरकार ने इस पर कड़ा विरोध जताया, तब स्कॉटलैंड यार्ड ने तुरंत झंडा बदलकर माफी मांग ली थी।