भारतीय स्टेट बैंक में पांच अन्य बैंकों के विलय को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। मंजूरी मिलते हीं एसबीआई ने कई रिकॉर्ड बनाए। पहला ये कि बैंक के ग्राहक 25 करोड़ से बढ़कर अब 37 करोड़ हो गया है। दूसरा दुनिया के टॉप 50 बैंकों में शामिल हो गया। देश भर में एसबीआई शाखाओं की संख्या 24 हजार से ज्यादा और बैंक के एटीएम 59 हजार के करीब है। जनधन खाता योजना के तहत 32 करोड़ खाते खोले गए, जिनमें 87 हजार करोड़ रुपये जमा हैं।
लोकसभा में इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है। अब इस विधेयक में इस विलय को पूर्व प्रभाव से मंजूरी दी गयी है। एसबीआई में मर्जर से संबंधित विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने पेश किया था। इस पर लंबी बहस हुई थी। हालांकि मर्जर से पहले आशंका जताई जा रही थी कि इससे छंटनी होगी, लेकिन मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि विलय के बाद किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की गई है। वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
भारतीय स्टेट बैंक में पांच सहायोगी बैंकों के विलय के बाद सरकार की तरफ से कहा गया कि इससे बैंक का लाभ बढ़ाने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने में मदद मिलेगी। स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर का पिछले वर्ष अप्रैल में एसबीआई में विलय हुआ था।