पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से अल्पसंख्यको के साथ अत्याचार का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। मंगलवार को यहां एक सिख धर्मगुरु चरणजीत की बंदुकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी । बताया जा रहा है कि 52 साल के चरणजीत सिंह मानवाधिकार कार्यकर्ता और तालिबान के मुखर आलोचक थे। चरणजीत की हत्या पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को भारतीय भारतीय उच्चायोग से इसकी रिपोर्ट मांगी है।

खबरों के मुताबिक, सिख धर्मगुरु खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर के पश्चिमोत्तर इलाके में रहते थे और स्कीम चौक इलाके में एक दुकान चलाते थे। हमलावर ने दुकान में घुसकर चरणजीत सिंह को बिल्कुल नजदीक से गोली मारी और फरार हो गया।

गोली लगने से मौके पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया। पेशावर के SP सद्दार शौकत खान ने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि चरणजीत सिंह की हत्या अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाकर किया गया या व्यक्तिगत रंजिश में की गई।

बता दें कि चरणजीत सिंह दशकों से पेशावर में ही रह रहे थे, हालांकि उनका परिवार कुर्रम की वादियों में रहता है, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेशावर में उन्हें यह दुकान खोले काफी समय हो चुका था। इस हत्या के बाद अल्पसंख्यक समुदाय में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में पिछले कुछ समय में लगातार सिखों की हत्या की खबरें  सामने आती रही हैं। पेशावर में इस समय रह रहे अधिकतर सिख संघ शासित आदिवासी इलाके के विभिन्न हिस्सों से विस्थापित होकर आ बसे हैं।

इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने इस घटना पर शोक प्रकट किया था और स्वराज से इस मामले को पाकिस्तान के साथ उठाने के लिए कहा था। स्थानीय पुलिस का कहना है कि यह निशाना बनाकर किया गया हमला है।