दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार मिले ‘शून्य’ के बाद कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित के कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं वाले दिए गए बयान पर शशि थरूर का साथ मिला है। संदीप दीक्षित के ‘बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे’ वाले इंटरव्यू पर थरूर ने मांग की है कि कांग्रेस नेतृत्व का चुनाव कराया जाना चाहिए।
दरअसल, संदीप दीक्षित ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि इतने महीनों के बाद भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नया अध्यक्ष नहीं नियुक्त कर सके। इसकी वजह यह है कि वह सब यह सोच कर डरते हैं कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा, ‘संदीप दीक्षित ने जो कहा है वह देश भर में पार्टी के दर्जनों नेता निजी तौर पर कह रहे हैं। इनमें से कई नेता पार्टी में जिम्मेदार पदों पर बैठे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि मैं सीडब्ल्यूसी से फिर आग्रह करता हूं कि कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करने और मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए नेतृत्व का चुनाव कराएं।
इंटरव्यू में पूर्व सांसद दीक्षित ने कहा था कि कांग्रेस के पास नेताओं की कमी नहीं है। अब भी कांग्रेस में कम से कम 6- 8 नेता हैं जो अध्यक्ष बन कर पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कभी-कभार आप निष्क्रियता चाहते हैं, क्योंकि आप नहीं चाहते हैं कि कुछ हो।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का जिक्र करते हुए संदीप दीक्षित ने इंटरव्यू में कहा कि मुझे लगता है कि अब यह समय आ गया है कि वे साथ आएं। अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत, कमलनाथ आदि साथ क्यों नहीं आते। एके एंटनी, चिदंबरम, सलमान खुर्शीद, अहमद पटेल आदि सभी ने कांग्रेस के लिए बहुत कुछ किया है।
वे अपनी राजनीति के ढलान पर हैं। उनके पास राजनाीति में चार से पांच साल और बाकी हैं। मुझे लगता है कि यह समय है, जब वे बौद्धिक रूप से पार्टी में योगदान करें। वे नेतृत्व चयन की प्रक्रिया में केंद्र या राज्यों या अन्य जगहों पर जा सकते हैं।