प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मैं आरएसएस के दफ्तर में चाय बनाई और बर्तन धोए। पीएम मोदी ने मशहूर फेसबुक पेज ‘Humans of Bombay’ को दिए इंटरव्यू में अपने बचपन के दिनों को याद किया। पीएम मोदी ने बताया कि उनका राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तरफ रुझान कैसे हुआ।
उन्होंने कहा कि मुझे याद है जब पहली बार मैं अहमदाबाद आया था। यहां पर मैंने अपने चाचा की एक कैंटीन में काम शुरू किया। यही से मेरी जिंदगी को नहीं राह मिली। चाचा की मदद करते हुए मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा और एक पूर्णकालीन प्रचारक बन गया। यहां पर मुझे अलग-अलग तरह के लोगों के साथ बातचीत करने और उनके साथ काम करने का अवसर मिला। हम सभी लोग आरएसएस के कार्यालय को साफ करते थे और चाय बनाते थे। हमने आरएसएस कार्यालय में बर्तन भी धुले।
उन्होंने बताया कि कैसे वह अपने गांव से अहमदाबाद आ गए और उन्हें राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के साथ जुड़ने का मौका मिला। पीएम मोदी ने कहा कि वे जीवन में इतने व्यस्त थे, लेकिन उन्होंने हिमालय पर मिलने वाली शांति को कभी भी अपने से दूर नहीं जाने का दृढ़ संकल्प लिया था। जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए, उन्होंने पांच दिन हिमालय में बताने का फैसला लिया है और वह इसके लिए खुद खर्च करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि जब वह छोटे थे तब उन्हें हिंदी आती ही नहीं थी। वह रोज पिता के साथ सुबह चाय की दुकान खोला करते थे। दुकान की साफ-सफाई की जिम्मेदारी उनके ऊपर थी। कुछ देर में ही लोगों का आना शुरू हो जाता था। पिता जब उन्हें चाय देने को बोलते तो वह लोगों की बात सुना करते थे। धीरे-धीरे उन्हें हिंदी बोलना आ गया।