बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए भगदड़ कांड ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) टीम प्रबंधन को कानूनी सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। भगदड़ के कुछ ही घंटे पहले किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर अब जांच की जाएगी। इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत और 47 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
जानकारी के अनुसार, इस मामले की जांच में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के वरिष्ठ पदाधिकारियों की भूमिका भी देखी जा रही है। KSCA और RCB ने मिलकर इस समारोह की योजना बनाई थी। बेंगलुरु पुलिस और एक विशेष मजिस्ट्रेट जांच कमेटी अब इस योजना और आयोजन प्रक्रिया की समीक्षा कर रही है।
RCB के सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू हुआ विवाद
RCB के ऑफिशियल X (पहले ट्विटर) अकाउंट से 4 जून को दोपहर 3:14 बजे एक पोस्ट साझा किया गया था, जिसमें शाम 5 बजे से विधान सौधा से लेकर चिन्नास्वामी स्टेडियम तक ‘विक्ट्री परेड’ का ऐलान किया गया। पोस्ट में स्टेडियम के भीतर एक भव्य सम्मान समारोह का भी ज़िक्र था। इसके साथ ही प्रशंसकों के लिए फ्री पास का लिंक साझा किया गया और सभी से अनुरोध किया गया कि वे पुलिस और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
पोस्ट में लिखा था— “विजय परेड के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में जश्न का आयोजन होगा। हम सभी फैंस से अनुरोध करते हैं कि वे पुलिस और संबंधित अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें ताकि सब लोग इस समारोह का शांति से आनंद ले सकें। फ्री पास सीमित संख्या में shop.royalchallengers.com पर उपलब्ध हैं।”
सरकार ने क्या कहा?
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने भगदड़ के लिए आयोजकों पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने RCB या KSCA से खिलाड़ियों को बेंगलुरु लाने की कोई मांग नहीं की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने केवल यह सोचा था कि बेंगलुरु की टीम होने के नाते खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाना चाहिए, लेकिन समारोह की पूरी योजना RCB और KSCA ने स्वयं बनाई थी। गृह मंत्री ने कहा— “हमने न तो कोई अनुरोध किया था और न ही आयोजन में कोई हस्तक्षेप किया था। टीम को बुलाने और जश्न मनाने का फैसला आयोजकों का था।”
परमेश्वर ने आगे कहा कि घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे उन्हें व्यक्तिगत रूप से गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है। साथ ही उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने तक इस मामले पर कोई अंतिम टिप्पणी नहीं की जा सकती।
जांच जारी, जवाबों का इंतजार
सरकार के वकील द्वारा कोर्ट में दिए गए बयानों और सार्वजनिक पोस्ट की सामग्री को देखते हुए अब आयोजन की प्रक्रिया, प्रबंधन और प्रमोशनल रणनीति की गंभीरता से जांच की जा रही है। यह देखना बाकी है कि जांच के बाद किस पर कितनी जिम्मेदारी तय होती है, लेकिन फिलहाल RCB मैनेजमेंट की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।