आतंकवादियों के चंगुल से किसी तरह जान बचा कर भागी यजीदी महिला नादिया मुराद को शुक्रवार को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। नादिया इस सम्मान से अभिभूत हैं और उन्होंने कहा है कि वह अवॉर्ड याजिदी, इराकी, कुर्द, अन्य पीड़ित अल्पसंख्यों तथा दुनियाभर में यौन उत्पीड़न का शिकार हुए अनगिनत लोगों को समर्पित करना चाहेंगी। उल्लेखनीय है कि नादिया को यह पुरस्कार यौन हिंसा के खिलाफ प्रभावी मुहिम चलाने और महिला अधिकारों के लिए उत्कृष्ट कार्य के बदले दिया गया है।
उन्होंने लिखा, ‘आज सुबह नोबेल कमिटी ने मुझे सूचित किया कि मुझे 2018 नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। मैं नोबेल कमिटी का आभार जताती हूं। मैं उनके समर्थन से सम्मानित महसूस कर रही है और मैं यह पुरस्कार याजिदी, इराकी, कुर्द, अन्य पीड़ित अल्पसंख्यों तथा दुनियाभर में यौन उत्पीड़न का शिकार अनगिनत लोगों को समर्पित करना चाहूंगी।’
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— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 5, 2018
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the Nobel Peace Prize for 2018 to Denis Mukwege and Nadia Murad for their efforts to end the use of sexual violence as a weapon of war and armed conflict. #NobelPrize #NobelPeacePrize pic.twitter.com/LaICSbQXWM
नादिया ने कहा, ‘मैं इस अवसर के लिए आभारी हूं जिसके जरिए मुझे याजिदी लोगों की दशा की तरफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने का अवसर मिलेगा, जिन लोगों ने आईएस के नरसंहार को झेला है जिसकी शुरुआत 2014 में हुई थी।’ उन्होंने कहा कि की याजिदी इस पुरस्कार को देखकर लोग अपने परिवार के उन सदस्यों को याद करेंगे जिन्हें उन्होंने खो दिया है। अन्य कई अल्पसंख्यक समुदाय की तरह याजिदी ने ऐतिहासिक यातना के भार को झेला है। महिलाएं ज्यादा प्रभावित हुई हैं क्योंकि वे यौन उत्पीड़न का शिकार होती रही हैं और हो रही हैं। नादिया ने उनके साथ संयुक्त रूप से इस पुरस्कार के लिए चुने गए डीआर कांगो के डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को बधाई दी। नादिया ने रविवार को वॉशिंगटन डीसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की घोषणा की है।
कौन है नादिया मुराद
- 2014 में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के लड़ाकों ने नादिया मुराद का अपहरण कर लिया था। उस समय नादिया की उम्र महज 21 साल थी।
- आईएस के चंगुल में नादिया के साथ लगातार गैंगरेप किया गया, यही नहीं उसे तरह-तरह की शारीरीक और मानसिक यातनाएं भी दी गईं।
- एक कमरे में बंधक बनाकर रखी गई नादिया किसी तरह दीवार फांदकर भागने में कामयाब रही और बाद में जर्मनी में जाकर शरण ली।
- 2015 में नादिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जब अपनी व्यथा सुनाई तो विश्वभर से प्रतिक्रियाएं आईं। तब नादिया ने बताया था कि आईएस के आतंकी महिलाओं और लड़कियों को पूरी तरह से बर्बाद करने के लिए रेप करते हैं।
- नादिया ने बताया था कि आईएस की यातनाएं इतनी भयानक होती हैं कि महिलाएं इसके बाद अपना सामान्य जीवन नहीं जी सकती हैं।
- मानव तस्करी के पीड़ितों की मदद करने के लिए 2016 में नादिया को संयुक्त राष्ट्र ने अपना गुडविल एंबेसडर बनाया। अपने लोगों को न्याय दिलाने के लिए नादिया वैश्विक स्तर पर अपने नई आवाज बनी।
- नादिया पर एक किताब भी आ चुकी है जिसका नाम लास्ट गर्ल है, जिसमें उनके बचपन और इराक के ग्रामीण इलाकों के लोगों का वर्णन है।
- इसी साल अगस्त में नादिया ने ट्वीट कर बताया कि वह शादी करने जा रही है। मुराद इराक में अमेरिकी सेना लिए इंटरपरेटर का काम कर चुके आबिद शामदीन से शादी करेगी। शामदीन वही शख्स है जिसने मुराद को आईएसआईएस के चंगुल से भागने में उसकी मदद की थी।