कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि इसमें हुए भ्रष्टाचार में उनकी सीधी भागीदारी है और दलाली की 284 करोड़ रुपए की पहली किस्त उनके चहेते उद्योगपति अनिल अम्बानी तक पहुंच चुकी है। गांधी ने यहां पार्टी मुख्यालय में अचानक बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस सौदे में हुए भ्रष्टाचार की पहली किस्त का भुगतान अनिल अम्बानी की कंपनी में निवेश करके किया जा चुका है। उन्होंने सवाल किया फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट ने 8.30 लाख रुपए की घाटे वाली कंपनी में 284 करोड़ रुपए का निवेश किस आधार पर किया है। कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी मीडिया में एक दिन पहले छपी उन खबरों के बाद आयी है जिनमें कहा गया है कि राफेल विमान बनाने वाली फ्रांस की दसॉल्ट कंपनी ने अनिल अम्बानी की कंपनी में जमीन खरीदने के लिए 284 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
Html code here! Replace this with any non empty text and that's it.
LIVE: Congress President @RahulGandhi addresses media on Rafale Scam. #RafaleBribeRevealed. https://t.co/a6SZDQrDWf
— Congress (@INCIndia) November 2, 2018
पीएम मोदी ने राहुल गांधी का बनाया मजाक, कहा- जो वो कहते हैं, उसका आनंद उठाइए
गांधी ने कहा कि अब दसॉल्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का भी झूठ पकड़ा गया है। उसने कहा था कि अनिल अम्बानी की कंपनी के पास जमीन थी इसलिए एचएएल से ठेका छीनकर उसे राफेल का काम दिया गया। अब खुलासा हो रहा है कि दसॉल्ट से मिले पैसे के बाद अम्बानी की कंपनी ने जमीन खरीदी है।
Html code here! Replace this with any non empty text and that's it.
"If an enquiry starts on this [Rafale Scam], Mr. Modi is not going to survive that enquiry"
— Congress (@INCIndia) November 2, 2018
- Congress President @RahulGandhi #RafaleBribeRevealed pic.twitter.com/SSwDylC0td
उन्होंने कहा कि राफेल एक ओपन एंड शट केस है। सीबीआई डायरेक्टर इस मामले की जांच करने वाले थे, यही वजह है कि उन्हें हटाया गया। रक्षामंत्री फ्रांस गईं और अनिल अंबानी के पक्ष में दसॉल्ट से बात कीं। उन्होंने आगे कहा कि कीमत पर सवाल उठ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कीमतों की जानकारी मांगी है और सरकार कह रही है कि नहीं बता सकते, क्योंकि ये गोपनीय है। लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति ने साफ तौर पर कहा है कि राफेल की कीमत गोपनीय समझौते का हिस्सा है ही नहीं।
Html code here! Replace this with any non empty text and that's it.
कीमत पर सवाल उठ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कीमतों की जानकारी मांगी है और सरकार कह रही है कि नहीं बता सकते, क्योंकि ये गोपनीय है। लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति ने साफ तौर पर कहा है कि राफेल की कीमत गोपनीय समझौते का हिस्सा है ही नहीं : कांग्रेस अध्यक्ष @RahulGandhi #RafaleBribeRevealed pic.twitter.com/KTOfHMQbRg
— Congress (@INCIndia) November 2, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा,” श्री मोदी इस भ्रष्टाचार में सीधे तौर पर लिप्त हैं। यही वजह है कि उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक को हटाया है। सीबीआई निदेशक इस सौदे में हुए भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने वाले थे। जांच होती तो श्री मोदी बच नहीं पाते। इसी डर से उनकी नींद उड़ी हुई हैं। वह सो नहीं पा रहे हैं और ना ही इस मामले पर कुछ बोल रहे हैं। वह परेशान हैं और इसीलिए उन्होंने सीबीआई निदेशक को हटाया है।”
Mr. Narendra Modi personally took this decision. Mr. Parrikar clarified that he had nothing to do with the Rafale deal. If an enquiry starts on this, Mr. Modi is not going to survive that enquiry: Congress President @RahulGandhi #RafaleBribeRevealed pic.twitter.com/cF2OgSMmb0
— Congress (@INCIndia) November 2, 2018
उन्होंने कहा कि मोदी तथा अम्बानी के अलावा इस सौदे की किसी और को जानकारी नहीं है। तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से पूछा गया तो वह इसका सीधा जवाब नहीं देते हैं। उनके जवाब से साफ है कि उन्हें सौदे की कोई जानकारी ही नहीं थी। उनके बयान से भी साफ है कि मोदी ने खुद यह सौदा किया है और किसी प्रक्रिया को अपनाए बिना अपने चहेते उद्योगपति को फायदा पहुंचाया है। गांधी ने कहा कि विपक्षी दल और कांग्रेस इस घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग कर रही है। इस बारे में उन्होंने खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी बात की थी लेकिन उन्हें लगता है कि सरकार ऐसा नहीं करेगी क्योंकि सरकार के मुखिया सीधे तौर पर इस मामले में शामिल हैं। जांच होगी तो वह पकड़े जाएंगे और इसी वजह से वह इसकी जांच नहीं करा रहे हैं। उन्होंने कहा “इन स्थितियों को देखकर मुझे लगता है कि सरकार इसकी जेपीसी से जांच नहीं कराएगी।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राफेल में दलाली हुई है और इसकी कीमत इसीलिए नहीं बतायी जा रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से इस मुद्दे पर उनकी निजी स्तर पर बातचीत हुई है। मैक्रों ने कहा है कि सौदे में विमानों की कीमत गुप्त रखने का कोई समझौता नहीं हुई है। दसॉल्ट कंपनी ने भी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इन विमानों की कीमत बतायी है तो फिर भारत सरकार इसे क्यों छिपा रही है।
-साभार,ईएनसी टाईम्स
सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से 36 राफेल विमान की कीमत का मांगा हिसाब, समय दिया 10 दिन