प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिक्किम के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर वहां की जनता को वर्चुअली संबोधित किया। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार उन्हें सिक्किम पहुंचना था, लेकिन खराब मौसम के चलते उनकी यात्रा अंतिम क्षणों में रद्द करनी पड़ी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह दिन सिक्किम की बीते पांच दशकों की उपलब्धियों का उत्सव है। उन्होंने मुख्यमंत्री और आयोजन से जुड़े सभी लोगों की सराहना करते हुए राज्य के 50 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी।
सिक्किम ने चुना लोकतांत्रिक भविष्य: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 50 साल पहले सिक्किम ने एक लोकतांत्रिक रास्ता चुना था। उन्होंने कहा कि सिक्किम के लोगों का जुड़ाव केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि भारत की आत्मा से भी रहा है। यह विश्वास था कि लोकतंत्र में सबकी बात सुनी जाएगी, अधिकार सुरक्षित रहेंगे और सबको समान अवसर मिलेंगे। मोदी ने कहा कि सिक्किमवासियों का यह विश्वास और भी मजबूत हुआ है, जो आज राज्य की निरंतर प्रगति में स्पष्ट दिखाई देता है। आज सिक्किम पूरे देश का अभिमान बन चुका है।
प्रकृति के साथ विकास का संतुलन बना सिक्किम: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते पचास वर्षों में सिक्किम ने प्रकृति और प्रगति के बीच एक बेहतरीन संतुलन स्थापित किया है। यह राज्य न केवल 100% जैविक (ऑर्गेनिक) बन चुका है, बल्कि जैव विविधता का समृद्ध क्षेत्र भी है। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में भी सिक्किम के उज्ज्वल भविष्य की झलक देखने को मिली। इस अवसर पर राज्य में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया गया, जिसके लिए प्रधानमंत्री ने वहां की जनता को शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी ने बताया क्यों नहीं पहुंच पाए सिक्किम
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि वह इस ऐतिहासिक अवसर पर स्वयं सिक्किम में उपस्थित रहकर उत्सव का हिस्सा बनना चाहते थे। उन्होंने बताया कि वे दिल्ली से बागडोगरा तक पहुंच चुके थे और मौसम ने उन्हें सिक्किम के दरवाजे तक ला दिया था, लेकिन आगे यात्रा संभव नहीं हो सकी। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि वह लोगों से प्रत्यक्ष नहीं मिल पाए।
नॉर्थ ईस्ट बन रहा नए भारत की विकास यात्रा का उदाहरण
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिक्किम समेत पूरा पूर्वोत्तर भारत अब नए भारत की प्रगति की कहानी में एक उज्ज्वल अध्याय बन चुका है। उन्होंने कहा कि पहले जहां दिल्ली से दूरी विकास की बाधा मानी जाती थी, अब वहीं क्षेत्र विकास के नए द्वार खोल रहे हैं। इसका श्रेय उन्होंने कनेक्टिविटी में आए सुधारों को दिया और कहा कि लोगों ने इन परिवर्तनों को स्वयं महसूस किया है।
सिक्किम की सांस्कृतिक धरोहर पर दुनिया को गर्व
प्रधानमंत्री ने सिक्किम की प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदा की सराहना करते हुए कहा कि यहां की झीलें, झरने, बौद्ध मठ, और अध्यात्मिक स्थल इस राज्य को विशेष बनाते हैं। कंचनजंगा नेशनल पार्क जैसी यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट इस गौरव में चार चांद लगाती है। उन्होंने उल्लेख किया कि नए स्काईवॉक का निर्माण, स्वर्ण जयंती प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण जैसे कार्य सिक्किम की नई दिशा और ऊंचाई के प्रतीक हैं।