संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण: महाकुंभ हादसे पर जताया दुख, देश की प्रगति पर दिया जोर

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संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण
संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण

संसद का बजट सत्र आज (31 जनवरी) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपति ने महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर हुए हादसे पर गहरा दुख जताया और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने सरकार की नीतियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस तरह देश तेज गति से विकास की ओर बढ़ रहा है।

देश के विकास की दिशा

लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “भारत की विकास यात्रा को मेरी सरकार नई ऊर्जा दे रही है।” उन्होंने बताया कि सरकार महिलाओं, किसानों और युवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और “वुमन-लेड डेवलपमेंट” को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।

महत्वपूर्ण योजनाएं और फैसले

राष्ट्रपति ने सरकार की कई प्रमुख योजनाओं और फैसलों का जिक्र किया:

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन करोड़ अतिरिक्त परिवारों को नए घर देने का निर्णय लिया गया।
  • धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत पांच करोड़ जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए काम किया जा रहा है।
  • आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सत्तर वर्ष से अधिक उम्र के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाएगा।
  • डिजिटल पेमेंट की सुविधाएं दूर-दराज के इलाकों तक पहुंच गई हैं, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है।
  • आठवें वेतन आयोग की घोषणा से केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 91 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया जा रहा है।

व्यापार, शिक्षा और तकनीकी क्षेत्र में कदम

  • एज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने के लिए कई सुधार किए गए हैं।
  • इंडिया एआई मिशन शुरू किया गया है, जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत की भागीदारी मजबूत होगी।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए आधुनिक शिक्षा व्यवस्था तैयार की जा रही है।

सुरक्षा और कनेक्टिविटी

  • उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना पूरी हो चुकी है, जिससे देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा।
  • साइबर सिक्योरिटी में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है।
  • पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को बैंकिंग व्यवस्था में शामिल किया गया है।
  • पीएम सूरज योजना के तहत पिछड़े वर्गों और सफाई कर्मचारियों को आसान ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

उत्तर-पूर्व और जनजातीय कल्याण

पहला अष्टलक्ष्मी महोत्सव आयोजित किया गया, जिससे उत्तर-पूर्व के आठ राज्यों की संभावनाओं को पहचानने का अवसर मिला।
सिकल सेल से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने के लिए विशेष राष्ट्रीय मिशन चलाया गया।
सहकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।

किसानों और कृषि क्षेत्र में सुधार

  • फसलों का उचित दाम दिलाने और किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
  • अनाज का उत्पादन 332 मिलियन टन तक पहुंचा है।
  • फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की गई है।
  • 109 उन्नत प्रजातियां किसानों को दी गई हैं, जिससे उनकी उपज बेहतर होगी।
  • प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मिशन चलाया जा रहा है।
  • 2000 करोड़ रुपये की लागत से “मिशन मौसम” शुरू किया गया, जिससे किसानों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी।
  • सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सिंचाई और पीने के पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए नई परियोजनाएँ शुरू की गई हैं।

दलित, वंचित और आदिवासी समाज के लिए पहल

  • सरकार की योजनाओं का सबसे अधिक लाभ दलित, वंचित और आदिवासी समाज को मिल रहा है।
  • 770 से अधिक एकलव्य विद्यालयों में आदिवासी बच्चों को शिक्षा दी जा रही है।
  • आदिवासी क्षेत्रों में 30 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में सरकार की नीतियों, विकास योजनाओं और सामाजिक सुधारों का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और जल्द ही विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। उन्होंने महाकुंभ हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और देशवासियों को यह विश्वास दिलाया कि सरकार हर नागरिक के विकास और कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।