अगर आप सोशल मीडिया का काफी इस्तेमाल करते हैं और देश में चल रहे किसी मसले पर अपनी राय रखने में रूचि रखते हैं तो जरा सावधान हो जाइये। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ कुछ बोलने से पहले दस बार सोच लीजियेगा क्योंकि टिप्पणी गलत होने पर आपको गिरफ्तार भी किया जा सकता है। जी हां ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ से सामने आया है। जहां एक युवक को पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया है।
दरअसल, सोनू नाम के इस युवक ने सोशल मीडिया के व्हाट्स ग्रुप पर एक वीडियो शेयर की जिसमे वह केंद्र की पशु वध संबंधी अधिसूचना के संबंध में पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करता नजर आ रहा था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मेरठ के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रर्दशन शुरू कर दिया और आरोपी सोनू के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। मामला बढ़ने के बाद पुलिस ने सोनू के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे बुधवार की रात मेरठ के पुरकाजी स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।
बसपा नेता भी हुए थे गिरफ्तार
आपको बता दें कि इससे पहले भी मेरठ में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं और अलिगढ़ पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में बहुजन समाज पार्टी के एक स्थानीय नेता शंकर लाल सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया था।
अभिनेता एजाज खान ने भी पोस्ट की थी वीडियो
गौरतलब है कि 16 अप्रैल 2017 को अभिनेता एजाज खान ने भी एक वीडियो पोस्ट करी थी जिसमे वह कह रहे थे कि उन्होंने हार्ली डेविडसन के कंपनी में गाय के चमड़े से बनी बेल्ट 8000 रुपये खर्च करके खरीदी है। उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी को चैलेंज करते हुए कहा था कि अगर बहुत बड़े गोरक्षक हो तो हार्ली डेविडसन की कंपनी को बंद करवाकर दिखाओ, उसे मारकर दिखाओ, वो गाय के चमड़े से ही बेल्ट, जैकेट, ब्रैसलेट जैसी अनेकों चीज बनाता है। उन्होंने कहा था कि भारत में गरीबों को मारने और हिंदू-मुसलमान को भड़काना बंद करो। उन्होंने कहा कि मैंने सड़कों पर कई गाएं देखी हैं जिनके कान कटे होते हैं, सिंग कटे होते हैं, पैर में चोट लगी होती है उन बेचारी गायों का भी तो इलाज कराओ। गोरक्षा के नाम पर सिर्फ बातें करने और हिंदू-मुसलमान को भड़काने से कुछ नहीं होगा। इसके बाद उन्होंने सरकार से कहा कि मेरे ऊपर जितना केस करना है कर दो, मैं वहीं बोलूंगा जो सच है।
क्या अभिव्यक्ति की आजादी की कोई सीमा है…?
इसी तरह से अब मेरठ के एक आम युवक सोनू ने भी कुछ कहा लेकिन उसने उस वीडियो में उसने क्या कहा है इसका पूरा खुलासा अभी तक नही हो पाया है लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अब सोशल मीडिया पर कुछ बोलने पर गिरफ्तार कर लिया जाएगा, ट्विटर और फेसबुक अकाउंट बंद कर दिया जाएगा…? हालांकि सोशल मीडिया पर किसी नेता, अभिनेता या किसी अन्य व्यक्ति के बारे में गलत बोलना भी उचित नहीं है लेकिन इस दौर में कई लोग ऐसे हैं जोकि गलत भाषा का प्रयोग करते हैं तो सरकार किस-किस के अकाउंट पर बैन लगाएगी और किस किसको गिरफ्तार करेगी? क्या अभिव्यक्ति की आजादी की कोई सीमा है और अगर है तो उसे कौन तय करेगा…?