मोदी सरकार अनावश्यक बिजली कटौती रोकने के लिए कानून में नया प्रावधान करने जा रही है ताकि साल 2019 तक देशभर में बिजली दी जा सके। अपने देश में अतिरिक्त बिजली उत्पादन के समय भी कटौती होती रहती है। अनावश्यक बिजली की कटौती वितरण करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राज्यों के बिजली मंत्रियों के साथ बैठक के बाद बिजली मंत्री आर.के. सिंह ने कहा है कि अप्रैल 2019 से देश भर में 24 घंटे बिजली दी जाएगी। इसका रोड मैप तैयार कर लिया गया है। हम कानूनी तौर पर डिस्कॉम्स को बाध्य करेंगे कि वे बिना किसी कारण के बिजली कटौती न कर सकें। इसके लिए जल्द ही संसद कानून पास किया जाएगा। इसके लिए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में संशोधन किया जा रहा है।
सिंह ने आगे कहा कि नया एक्ट लागू होने के बाद लोगों को टेलीकॉम कंपनियों की तरह इलेक्ट्रिसिटी सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी को बदलने की सुविधा दी जाएगी। आने वाले दिनों में कहीं भी मैन्युअल मीटर रीडिंग नहीं की जाएगी। हम मीटर रीडिंग में मानव हस्तक्षेप की संभावनाएं खत्म कर देंगे। देश भर में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जो ऑटोमैटिक मीटर रीडिंग देंगे और लोग अपने बिल का पेमेंट मोबाइल या ऑनलाइन कर सकेंगे।
मिनिस्टर ने कहा कि हमारी कोशिश है कि 2019 तक सभी राज्यों में एटीएंडसी लॉस 15 फीसदी तक पहुंच जाएं। अभी कई राज्यों में एटीएंडसी लॉस काफी अधिक है। राज्यों से कहा गया है कि वे अपना एटीएंडसी लॉस घटाएं, ताकि लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सके।
सिंह का कहना है कि अनावश्यक बिजली कटौती करने पर वितरण कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि ऐसा तब ही किया जाएगा, जब सरप्लस पावर होने के बावजूद डिस्कॉम्स (बिजली कंपनियां) बिजली ड्रॉ नहीं करेंगी और उनके पास बिजली कटौती का कोई ठोस कारण भी नहीं होगा।