मायावती ने मंगलवार देर शाम राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है।

दरअसल मायावती इस बात से नाराज थी कि शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों पर हुए अत्याचार पर चर्चा के लिए उन्हें बोलने के लिए सिर्फ तीन मिनट का समय दिया गया। जबकि मायावती का कहना था कि वह सिर्फ तीन मिनट में इस मुद्दे पर अपनी पूरी बात नहीं रख सकती।

इसके बाद बहस की समय सीमा को लेकर संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और मायावती में तीखी बहस हुई। नकवी ने मायावती पर आसन (चेयर) को चुनौती देने का आरोप लगाया। इस पर मायावती और नाराज हो गई और उन्होंने इस्तीफा देने की बात कह डाली। इसके बाद राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया और राज्यसभा स्थगित हो गई। इसके बाद के नाटकीय घटनाक्रम में मायावती ने देर शाम राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया।

इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मायावती ने कहा, “मैं इस सदन में दलितों और पिछड़ों की आवाज बनने और उनके मुद्दे उठाने के लिए आई हूं।  लेकिन जब मुझे यहां बोलने ही नहीं दिया जा रहा, तो मैं यहां क्यों रहूं?”

भीमराव अंबेडकर का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा, “जब बाबासाहेब को बतौर कानून मंत्री हिदू कोड बिल पेश करने नहीं दिया गया था और उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया गया था, तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। मैं भी उनकी शिष्या हूं इसलिए मैं इस्तीफा दे रही हूं, क्योंकि मुझे भी सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है।”

मायावती के इस कदम को कुछ राजनीतिक विश्लेषक बसपा के दरकते किले के बीच एक राजनीतिक दांव के रूप में देख रहे हैं। इनके अनुसार राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के दलित कार्ड खेलने की सियासी चाल से तिलमिलाई मायावती को यह डर सताने लगा है कि बसपा का कोर दलित वोट बैंक पूरी तरह उनसे अलग न हो जाए।

लालू ने दिया मायावती को बिहार से राज्यसभा चुनाव लड़ने का न्यौता

इसी बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मायावती को बिहार से राज्यसभा चुनाव लड़ने का न्यौता दिया। मायावती के इस्तीफे को लालू ने साहसिक कदम करार देते हुए लालू ने कहा कि आज का दिन इतिहास के पन्नों में काले दिन के तौर पर अंकित किया जाएगा क्योंकि आज उच्च सदन में गरीबों और दलितों की स्थापित नेता मायावती को गरीबों की बात उठाने नहीं दिया गया।

उन्होंने बीजेपी सदस्यों पर मायावती के सदन में बोलने के दौरान रुकावट डालने का आरोप लगाया और कहा कि वे उनसे अपील करते हैं वे देश भर में घूमकर भाजपा के अहंकार को तोड़े, हम उनके साथ होंगे। उन्होंने मायावती को बिहार आने का न्यौता भी दिया और कहा कि हम मायावती जी को बिहार से राज्यसभा भेजेंगे।