लोकसभा में विपक्षी शोर-शराबे पर स्पीकर ओम बिरला सख्त, राहुल गांधी से बोले – “जनता ने तख्तियां लहराने नहीं, सवाल उठाने भेजा है”

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लोकसभा में विपक्षी शोर-शराबे पर स्पीकर ओम बिरला सख्त
लोकसभा में विपक्षी शोर-शराबे पर स्पीकर ओम बिरला सख्त

सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्षी दलों के हंगामे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कड़ा रुख अपनाया। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस और विपक्षी सांसदों की नारेबाजी पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाना स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अपने सांसदों को समझाएं कि उन्हें सदन में “तख्तियां लहराने” या “पर्चियां फेंकने” के लिए नहीं भेजा गया है, बल्कि सवाल पूछने और जवाब सुनने के लिए भेजा गया है।

ओम बिरला ने पूछा कि आखिरकार प्रश्नकाल को बाधित करने की कोशिशें क्यों हो रही हैं? क्या यह सब योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है? विपक्षी सांसदों ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सदन में जमकर नारेबाजी की और ‘SIR वापस लो’ के नारे लगाए। सदन की शुरुआत होते ही जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया गया, विपक्षी सदस्य अपनी सीटों से उठकर शोर मचाने लगे।

स्पीकर ने विपक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या आप सदन को बाधित करना चाहते हैं? क्या आप ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा नहीं करना चाहते? आपने ही कहा था कि इस पर चर्चा होनी चाहिए, फिर अब सदन क्यों नहीं चलने दे रहे?”

ओम बिरला ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि विपक्षी सांसद बार-बार नियोजित ढंग से सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं, जिससे संसद की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा, “देश की 140 करोड़ जनता की आवाज का यह मंच है, इसकी गरिमा बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। प्रश्नकाल के दौरान जब माननीय सदस्य बोलना चाहते हैं, तब शोरगुल कर उन्हें रोका जाता है। यह तरीका ठीक नहीं है।”

स्पीकर की यह टिप्पणी तब आई जब विपक्ष सदन में SIR मुद्दे को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहा था, और संसद का वातावरण चर्चा की जगह शोरगुल से भर गया था।