पांच में से तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चेहरे भी साफ हो गए हैं। राजस्थान में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया तो छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया गया, तो मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर कमलनाथ के चेहरे की मुहर लगी।

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के कुर्सी संभालते ही कमलनाथ एक्शन में आ गए हैं और कांग्रेस की ओर से किया गया कर्जमाफी का वादा निभाना शुरु कर दिया है। सीएम बनने के कुछ ही समय बाद ही कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी की फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

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बता दें कि चुनाव के दौरान सभा में राहुल गांधी ने यह वादा किया था कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सीएम बनते ही 10 दिन के अंदर किसानों का कर्जा माफ कर दिया जाएगा। किसानों का राष्ट्रीकृत और सहकारी बैकों की ओर से दिया गया 2 लाख रुपए तक का अल्पकालीन फसल ऋण माफ हो गया है। इसके साथ ही कन्या विवाह योजना के तहत दी जाने वाली राशी को बढ़ाकर 51 हजार कर दिया है। इतना ही नहीं एमपी में चार गारमेंट पार्क बनाने को भी दी मंजूरी।

कृषि और सहकारिता विभाग ने पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के मॉडल का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की है। कांग्रेस के वचन पत्र में सबसे बड़ा मुद्दा कर्ज माफी ही है। राहुल गांधी इसे लोकसभा चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनाना चाहते हैं और इस रणनीति के तहत कांग्रेस शासित राज्यों में कर्ज माफी प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है। कांग्रेस को बहुमत मिलते ही कृषि, सहकारिता और वित्त विभाग ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी थी। अधिकारियों के दल को पंजाब मॉडल का अध्ययन करने भी भेजा है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है।

 

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