Uzbekistan Cough Syrup Death: उज्बेकिस्तान में भारतीय कंपनी द्वारा बनाए गए कप सिरप से बच्चों की मौत का होने से सनसनी मच गई है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ये दावा किया गया है कि भारतीय फार्मा कंपनी मारियन बायोटेक की बनाई कफ सिरफ डॉक-1 मैक्स को पीने के बाद 18 बच्चों की मौत हो गई। इस दावे के भारत में हड़कंप मच गया। अब इस मामले का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक्शन लिया है। इस मामले में शुक्रवार को ट्विटर के जरिए मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खांसी की दवाई डॉक-1 मैक्स में अशुद्धि की रिपोर्ट के मद्देनजर मैरियन बायोटेक की सभी दवाओं के उत्पादन को 29 दिसंबर की रात से ही रोक लगा दिया गया है। इस मामले में जांच जारी है।
गौरतलब है कि उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत के मामले में नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक सवालों से घिर गई है। इस दावे से भारत सरकार एक्शन मोड़ में आ गई है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत की रिपोर्ट मांगी है।
Uzbekistan Cough Syrup Death: स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिया बड़ा एक्शन
उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत के मामले में नोएडा की कंपनी के घेरे में आने से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लिया है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने खुद मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि दवा कंपनी की जांच के आधार पर ही आगे कोई कदम उठाया जाएगा। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि उनके यहां के बच्चों की मौत कफ सिरप डॉक-1 मैक्स दवा पीने से हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मैरियन बायोटेक कंपनी भारत में कफ सिरप की दवा को नहीं बेचती और इसका निर्यात केवल उज्बेकिस्तान में किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि नोएडा स्थित कंपनी के परिसर से खांसी की दवा के सैंपल लिए गए हैं। साथ ही चंडीगढ़ स्थित रीजनल ड्रग टेस्टिंग लेबोरेटरी को जांच के लिए भेजे गए हैं। साथ ही इस दवा के निर्माण पर भी फिलहाल सरकार ने रोक लगा दी है।
Uzbekistan Cough Syrup Death: कैसे हुए बच्चों की मौत?
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर ये दावा किया गया है कि उनके देश में करीब 18 बच्चों की मौत कफ सिरप पीने के कारण हुई है। ये कफ सिरप भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाई गई दवाई डॉक-1 मैक्स सिरप है, जिसे पीकर 18 बच्चों की मौत हो गई।
बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने से पहले इस दवा को 2-7 दिनों के लिए दिन में 3-4 बार लिया गया था और इसे 2.5 से 5 मिलीलीटर तक दवा ली थी, जो स्टैंडर्ज डोज से ज्यादा है। जिसकी वजह से उनकी मौत हुई है। इस मामले में उज्बेकिस्तान सरकार ने भारत सरकार से इस मामले में जांच करने और आरोपी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
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