आरजेडी के मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रिम्स के वार्ड से निदेशक बंगला और बंगला से वापस पेइंग वार्ड शिफ्ट किया गया था। इसको लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है तथा विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
लालू बंगले में कैसे हुए शिफ्ट
जस्टिस अपरेश कुमार ने फटकार लगाते हुए कहा, अदालत ने सरकार को यह बताने को कहा है कि लालू प्रसाद को पेइंग वार्ड से निदेशक बंगले में शिफ्ट करने का निर्णय किसका था। फिर बंगले से पेइंग वार्ड में उन्हें किसके आदेश से शिफ्ट किया गया।
सरकार को 18 दिसंबर तक पेश करनी है रिपोर्ट
साथ ही जेल की सजा भुगत रहे लालू प्रसाद यादव को मिलने वाले सेवादार की नियुक्ति पर सावल खड़ा किया है। अदालत ने सेवादार को लेकर सरकार से सवाल पूछा है, कि सेवादार नियुक्त करने के लिए क्या प्रावधान है और कैसे उसका चयन किया जाता है। सरकार को 18 दिसंबर तक पूरी रिपोर्ट अदालत में पेश करने का निर्देश कोर्ट ने दिया है।
वहीं उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान लालू के जेल में सजा की आधी अवधि को लेकर सीबीआई और लालू प्रसाद की ओर से अलग-अलग दावे किए गए थे । सीबीआई का कहना था कि लालू प्रसाद ने जेल में सिर्फ 34 माह ही बिताए हैं, जबकि लालू प्रसाद की ओर से दावा किया गया कि वे 42 माह 28 दिन की सजा काट चुके हैं।
सुनवाई हुई अस्थगित
दोनों के अलग-अलग दावे के बाद लालू प्रसाद की ओर से पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बीतें दिनों अदालत में सजा की आधी अवधि को सत्यापित करने का प्रस्ताव देते हुए सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया था।
इसके पहले पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट रिम्स से लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट और जेल प्रशासन से लालू प्रसाद से पिछले तीन माह में मिलने वाले लोगों की सूची देने को कहा था। जेल प्रशासन को यह बताने को कहा गया था कि जो लोग भी लालू प्रसाद से मिलने में जेल मैनुअल का पालन किया गया है या नहीं।
11 दिसंबर को फिर होगी सुनवाई
जेल प्रशासन की ओर से समय पर जानकारी नहीं दिए जाने पर हाईकोर्ट ने कारा महानिरीक्षक और बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक को शो कॉज किया था। इसके बाद दोनों ने बिना शर्त माफी मांगी थी और मुलकातियों की सूची और अपना जवाब दाखिल किया था।
शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि कैदियों से मिलने वालों के लिए एसओपी बनायी गयी है। इसके तहत सुरक्षा और कैदियों से मिलने की प्रक्रिया तय की गयी है। इस पर कोर्ट ने एसओपी की विस्तृत जानकारी भी 18 दिसंबर को पेश करने का निर्देश दिया।लालू प्रसाद की जमानत पर फैसला 11 दिसंबर को होगा।