बाबा रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड’ एक बार फिर विवादों में घिर गई है। कंपनी पर ‘हार्पिक टॉयलेट क्लीनर’ की नकल करने का आरोप लगा है। इस मामले पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
गौरतलब है, कि रेकिट बेन्किसर इंडिया ने दिल्ली हाइकोर्ट में पतंजलि के खिलाफ केस दायर कर आरोप लगाया है कि पतंजलि का टॉयलेट क्लीनर ‘ग्रीन फ्लैश’ उनके हार्पिक जैसा है। रेकिट बेन्किसर इंडिया का कहना है, कि न सिर्फ पैकिंग और पेटर्न में यह उनके उत्पाद जैसा है बल्कि इसकी पैकिंग पर इंस्ट्रक्शन भी उनके उत्पाद जैसा ही है।
पतंजलि पर लगा भ्रमित करने का आरोप
कंपनी ने आरोप लगाया है, कि पतंजलि अपने उत्पाद को आर्गेनिक उत्पाद बताकर ग्राहकों को भ्रमित कर रही है। रेकिट बेन्किसर इंडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में सिंगल जज जस्टिस मनमोहन की अदालत में यह केस दायर किया है। कंपनी ने केस में कहा है, कि पतंजलि ने अपला टॉयलेट क्लीनर ग्रीन फ्लैश बिल्कुल वैसा ही बनाया है जैसा उनका हार्पिक है।
कंपनी ने बताया, कि बाबा रामदेव के टॉयलेट क्लीनर ‘ग्रीन फ्लैश’ के हार्पिक से मिलता जुलता होने की वजह से उनके उत्पाद हार्पिक को नुकसान हो सकता है। बता दे, टॉयलेट क्लीनर बाजार में हार्पिक की 80 फीसदी हिस्सेदारी है। इससे पहले पतंजलि ने अपने विज्ञापन में काले रंग को बीमारी बताया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था।
क्या है काले रंग का विवाद
पतंजलि द्वारा 7 जनवरी को जारी किए गए एक कॉस्मेटिक उत्पाद में ब्यूटी क्रीम को गोरेपन का राज बताया गया था। विज्ञापन के जरिए यह बताने की कोशिश की गई थी, कि काला रंग एक बीमारी है और लोग इससे खुश नहीं रहते हैं। इस विज्ञापन में यह भी दावा किया गया था कि पतंजलि ब्यूटी क्रीम के इस्तेमाल से न केवल रंग निखरेगा, बल्कि उपभोक्ता के आत्मविश्वास में भी 100 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी।
बाबा रामदेव हुए ट्रोल
एक ट्विटर यूजर, कार्तिक ने बाबा रामदेव पर निशाना साधते हुए लिखा था, कंपनी की मार्केटिंग रणनीति एकदम गलत है, बाबा रामदेव जी ‘काला रंग’ त्वचा की बीमारी हो ही नहीं सकती।
No Baba Ramdev... 'dark complexion' is NOT a skin ailment. Did Tarun Vijay write your ad? pic.twitter.com/laHsUVjFGL
— Karthik (@beastoftraal) January 8, 2018
बता दे, सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना झेलने के बाद बाबा रामदेव ने सफाई भी दी थी। रामदेव ने लिखा था, कि कुछ लोग जान बूझकर विवाद पैदा कर रहे हैं जबकि मसला ट्रांसलेशन और कॉपी राइटिंग में गलती का है।
हमने Skin Complications (त्वचा के विकार), शब्द approve किया था जो translation/copy-writing में ग़लती से बदल गया। मैंने कभी रंग-भेद की बात नहीं की और हमेशा क़ुदरती सौंदर्य को निखारने के आयुर्वेदिक उपाय बताये हैं। कुछ लोग एक शब्द को पकड़ कर विवाद पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं https://t.co/au3odkJ6uH
— Swami Ramdev (@yogrishiramdev) January 9, 2018
बाबा रामदेव ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “हमने Skin Complications (त्वचा के विकार), शब्द approve किया था जो translation/copy-writing में ग़लती से बदल गया। मैंने कभी रंग-भेद की बात नहीं की और हमेशा क़ुदरती सौंदर्य को निखारने के आयुर्वेदिक उपाय बताये हैं। कुछ लोग एक शब्द को पकड़ कर विवाद पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।”