कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रीयल टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी (कीट) के 13वें दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने गुरु को सम्मान देते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि गूगल महत्त्वपूर्ण है लेकिन छात्रों के जीवन में गूगल कभी गुरु की जगह नहीं ले सकता। स्टूडेंट को अपने गुरु और टीचरों का आभारी होना चाहिए और साथ ही अपनी मां, मातृभाषा और मातृभूमि के लिए काम करते रहना चाहिए और इनका सम्मान करना चाहिए।
वेंकैया नायडू ने इससे पहले ओडिया भाषा में कहा कि “ओडिशा प्रभु श्री जगन्नाथ का देश है मुझे ओडिशा बहुत ही अच्छा लगता है।
आपको बता दें कि शानिवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रीयल टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी ( कीट) के 13वें वार्षिक समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मां, मातृभूमि और मातृभाषा को भूलना आसाना नहीं है। वहीं उन्होंनें बताया कि अपनी भाषा में अपनी भावनाओं को जितनी सहजता से हम प्रकट कर सकते है वो किसी दूसरी भाषा में नहीं कर पाते। अपने शहर और क्षेत्र को याद करते हुए उन्होनें कहा कि हम जब भी अपने गृह क्षेत्र और शहर में होते है तो अपनी मातृभाषा में बात करते है।
वहीं देश की महान संस्कृति को सलाम करते हुए कहा कि हमे जमीनी स्तर पर वापिस आने की जरुरत है। उन्होंने भारत को महान विरासत बताते हुए कहा कि हमें हमारी भारतीय संस्कृति पर गर्व महसूस करना चाहिए।
वहीं भारत को अवसरों की भूमि बताते हुए नायडू ने दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी पृष्ठभूमि से होने के बावजूद कुछ भी कर सकता है बस उसके लिए कड़ी मेहनत और जुनून व्यक्ति के अंदर होनी चाहिए।