गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंदकिशोर गुर्जर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने खाद्य सामग्री को कथित रूप से अशुद्ध करने की घटनाओं को लेकर ‘थूक जिहाद’ का मुद्दा उठाया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजते हुए ऐसी घटनाओं पर चिंता जताई है और इस पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाए जाने की मांग की है।
आईएएनएस से बातचीत में गुर्जर ने कहा कि उन्होंने अपने पत्र में उन घटनाओं का ज़िक्र किया है, जिनमें खाद्य पदार्थों के साथ अमानवीय हरकतें की जा रही हैं और इससे धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। उनका कहना है कि आगामी मानसून सत्र में इस विषय पर एक सख्त और स्पष्ट कानून लाया जाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं पर लगाम लग सके।
धार्मिक भावनाएं आहत होने का खतरा
गुर्जर ने कहा कि सावन के पवित्र माह में कांवड़ यात्रा के दौरान यदि कोई अपनी पहचान छिपाकर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाली हरकत करता है, तो यह बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने यह भी आगाह किया कि इस तरह की घटनाएं समाज में तनाव और दंगों की स्थिति पैदा कर सकती हैं, इसलिए कानून बनाकर इस पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोगों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर प्रदेश में अशांति फैलाने की साजिश कर रहे हैं। गुर्जर ने मांग की है कि इस विषय पर सभी दलों को एकजुट होकर चर्चा करनी चाहिए, और इसके लिए उन्होंने एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का सुझाव भी अपने पत्र में दिया है।
गाजियाबाद में जूस में थूक मिलाने का मामला
दरअसल, हाल ही में गाजियाबाद के एक इलाके में ऐसा मामला सामने आया था, जिसने इस पूरे विवाद को जन्म दिया। जानकारी के अनुसार, गौड़ सिद्धार्थम क्षेत्र में एक जूस की दुकान से कुछ श्रद्धालुओं ने जूस खरीदा था। पीने के बाद उन्हें उसमें कुछ गड़बड़ी महसूस हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि दुकानदार ने जानबूझकर जूस में थूक मिलाया।
इतना ही नहीं, कथित तौर पर आरोपी ने अपनी असली पहचान छिपाकर खुद को ‘भारत’ नाम से प्रस्तुत किया और हिंदू प्रतीकों जैसे कलावा का प्रयोग कर ग्राहकों को भ्रमित किया।
दो आरोपी गिरफ्तार
स्वास्थ्य मानकों के उल्लंघन और शिकायतों के आधार पर पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है। यह गिरफ्तारी विजय नगर क्षेत्र की एक दुकान से हुई। घटना के बाद विधायक गुर्जर ने इस मामले को गंभीरता से उठाते हुए इसे साजिश करार दिया और इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। अब देखना यह है कि क्या सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर आगामी विधानसभा सत्र में कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं।