डिपोर्टेशन कोई नया मामला नहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2009 से अब तक की पूरी सूची गिनवाई

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डिपोर्टेशन कोई नया मामला नहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2009 से अब तक की पूरी सूची गिनवाई
डिपोर्टेशन कोई नया मामला नहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2009 से अब तक की पूरी सूची गिनवाई

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका द्वारा भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किए जाने के मुद्दे पर राज्यसभा में गुरुवार को बयान दिया। उन्होंने साफ किया कि यह कोई नया मामला नहीं है, बल्कि 2009 से ही अवैध रूप से विदेशों में रहने वाले भारतीयों को स्वदेश भेजने की प्रक्रिया जारी है।

डिपोर्टेशन की प्रक्रिया पुरानी

बजट सत्र के दौरान विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी देश में अवैध रूप से रहने वाले नागरिकों को डिपोर्ट करने की प्रक्रिया लंबे समय से चली आ रही है। उन्होंने कहा, “हम कानूनी रूप से माइग्रेशन को बढ़ावा देते हैं, लेकिन अवैध प्रवास का समर्थन नहीं करते।”

एस जयशंकर ने बताया कि वर्ष 2009 में 747 अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजा गया था और इसके बाद हर साल सैकड़ों लोगों को स्वदेश लाया गया। उन्होंने कहा कि 2012 से अवैध प्रवासियों को विमान के जरिए भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।

अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन

विदेश मंत्री ने डिपोर्टेशन के मामले में संयुक्त राष्ट्र की संधि का भी जिक्र किया और कहा कि यह नियम लीगल माइग्रेशन को बढ़ावा देने और अवैध प्रवास को रोकने के लिए लागू किए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में कोई भेदभाव नहीं होता और सरकार अमेरिकी प्रशासन से लगातार संपर्क में है ताकि किसी भी भारतीय नागरिक के साथ अमानवीय व्यवहार न किया जाए।

सदन में हंगामा, विपक्ष ने उठाए सवाल

एस जयशंकर के बयान के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन में हंगामा किया। हालांकि, विदेश मंत्री ने दोहराया कि यह प्रक्रिया कोई नई नहीं है और इससे पहले भी हर देश अपने नियमों के तहत अवैध प्रवासियों को वापस भेजता रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि भारतीय नागरिकों के साथ कोई अनुचित व्यवहार न हो।