दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सबसे बड़े न्यूरो अस्पताल जीबी पंत में दिल्ली वालों के लिए एक अहम फैसला लिया है। केजरीवाल ने जीबी पंत अस्पताल में अब 50% बेड दिल्ली के नागरिकों के लिए रिजर्व रखने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद अब लगभग 750 बेड सिर्फ दिल्ली के नागरिकों के इलाज के लिए रिजर्व रखे जाएंगे।
आपको बात दें कि रिजर्व रखें इन बेड पर दिल्ली के उन नागरिकों का इलाज हो सकेगा जो सरकार के दूसरे अस्पतालों से रेफर कर के जी बी पंत भेजे जाते हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में जी बी पंत अस्पताल प्रशासन को निर्देश जारी कर दिए हैं।
दिल्ली सरकार का जीबी पंत अस्पताल न्यूरो संबंधी समस्याओं के लिए बड़ा अस्पताल माना जाता है। इस फैसले पर विवाद उठने के बाद दिल्ली सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि अस्पतालों में दूसरे राज्यों से आने वाले मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी होने के कारण दिल्ली के अपने नागरिकों को बेहतर इलाज और अस्पतालों में बेड से मेहरूम होना पड़ रहा है। इसी लिए यह फैसला लिया गया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों की हालत सुधारने और अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सभी दवाइयां मुफ्त करने की योजना के बाद पड़ोसी राज्यों के मरीजों ने राजधानी कर रुख कर लिया है।
सरकार का कहना है कि दूसरे राज्यों से आने वाले मरीजों की संख्या में अचानक बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दिल्ली के ही नागरिकों को कई बार न बेड मिल पाता है और न बेहतर इलाज। ऐसे में दिल्ली के नागरिकों के टैक्स के पैसे से चल रहे सरकारी अस्पतालों पर सबसे पहला हक दिल्ली के नागरिकों का है। इसलिए सरकार ने जीबी पंत अस्पताल में फिलहाल 50 फ़ीसदी बेड राजधानी के लोगों के इलाज के लिए रिजर्व किए हैं।