दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार बिगड़ते हुए 500 के करीब पहुंच रहा है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इससे न केवल लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि सामान्य जीवन भी प्रभावित हो रहा है। प्रदूषण की इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू कर दिया है। इसके तहत कई सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं, ताकि हवा को थोड़ा राहत दी जा सके।
दिल्ली की खतरनाक स्थिति: AQI 500 के करीब
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सर्दियों के आते ही प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। इस बार भी स्थिति चिंताजनक हो चुकी है। मौसमी परिस्थितियों और पराली जलाने के मामलों के कारण हवा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट आ रही है।
- वर्तमान AQI: 480-500 के बीच (गंभीर श्रेणी)।
- मुख्य कारण: पराली जलाना, वाहनों का धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन और निर्माण कार्य।
- प्रभाव: सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि, बच्चों और बुजुर्गों पर गंभीर असर।
GRAP-4 के तहत लागू की गईं पाबंदियां
दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए GRAP-4 के तहत कई सख्त कदम उठाए हैं। इनमें प्रमुख पाबंदियां निम्नलिखित हैं:
निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक:
सभी गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस कार्य फिलहाल बंद कर दिए गए हैं।
वाहनों पर प्रतिबंध:
डीजल से चलने वाले हल्के वाणिज्यिक वाहनों और BS-III पेट्रोल तथा BS-IV डीजल वाहनों पर पाबंदी।
ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश बंद (जरूरी सेवाओं को छोड़कर)।
औद्योगिक गतिविधियों पर नियंत्रण:
उन उद्योगों पर रोक, जो स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग नहीं करते हैं।
स्कूलों और कार्यालयों पर असर:
स्कूलों में आउटडोर गतिविधियां बंद कर दी गई हैं।
कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी गई है।
जनता से अपील:
- कारपूलिंग और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
- निजी वाहनों का उपयोग न्यूनतम करें।
- स्वास्थ्य पर असर और सुझाव
- AQI के गंभीर स्तर तक पहुंचने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
- सांस की बीमारियां: दमा, ब्रोंकाइटिस और एलर्जी के मामलों में वृद्धि।
- आंखों और गले में जलन: प्रदूषित हवा से तुरंत प्रभाव।
सुझाव:
- बाहर निकलने पर N-95 मास्क का उपयोग करें।
- बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रहने की सलाह।
- घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- सरकार और जनता की संयुक्त जिम्मेदारी
- प्रदूषण की इस समस्या से निपटने के लिए सरकार के साथ-साथ जनता की भूमिका भी अहम है। व्यक्तिगत स्तर पर जागरूकता और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों से ही इस गंभीर समस्या से राहत पाई जा सकती है।
दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार तभी संभव है जब हम सभी मिलकर प्रदूषण कम करने में अपनी भागीदारी निभाएं। GRAP-4 की सख्ती और जनता का सहयोग आने वाले दिनों में बेहतर परिणाम दे सकता है।









