यूपी पुलिस अक्सर चर्चाओं में रहती है। कभी भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं तो कभी खाकी का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगता है। पीड़ित अपनी फरियाद लेकर पुलिस की शरण में जाते हैं कि वहां से उन्हें इंसाफ मिलेगा लेकिन अगर यही पुलिस कार्रवाई के एवज में आपसे रिश्वत मांगे तो पुलिस की छवि तो खराब होती ही है साथ ही सरकार पर भी सवाल खड़े हो जाते हैं। इस बार तो यूपी पुलिस के एक दारोगा ने सारी हदें ही पार कर दी। दरोगा ने अपने ही एक साथी पुलिसकर्मी से किसी मामले को रफा दफा करने के लिए पांच हजार रुपये रिश्वत ले ली जो कैमरे में कैद हो गई। सिपाहियों से छुट्टी के नाम पर और ड्यूटी लगाने और न लगाने के नाम पर अलग अलग रेट खोल दिए गए हैं जो इस प्रक्रिया से गुजर कर नहीं जाता उसको नौकरी में और भी परेशान किया जाता है।
चर्चा तो ये भी है कि कई महिला पुलिसकर्मी भी इनसे बेहद तंग हैं। ये मुंशी ख़ाकी वर्दीधारी रिश्वतखोर हैं और इनको पुलिस लाइन के जिम्मेदारों का वरदहस्त प्राप्त है। दारोगा की मानें तो लाइन के ज्यादातर महिला और पुरुष सिपाही नौकरी के डर से चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं लाईन आरआई पीड़ित दरोगा को ही अनुशासन हीन बताने में जुट गए हैं।
दरअसल, फतेहपुर में पुलिस विभाग के बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा पुलिस के ही एक दारोगा ने किया है। पीड़ित दारोगा से एक दारोगा पांच हजार में मामले को रफा-दफा करने को बात करते कैमरे में कैद हुआ है। पीड़ित दारोगा इंदुकान्त पांडे ने बताया कि जिले में पुलिस विभाग का दिल कहे जाने वाले रिजर्व पुलिस लाइन में इस समय खुलेआम लूट हो रही है। यूपी पुलिस के दामन पर दाग तो पहले से ही हैं लेकिन दाग छूटने का नाम ही नहीं ले रही है। ऐसे लगता है कि यूपी पुलिस को दाग अच्छे लगते है।