गोकशी के बाद बुलंदशहर में हुई हिंसा को लेकर उत्तरप्रदेश के 83 पूर्व नौकरशाहों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा था। मुख्यमंत्री ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन बुलंदशहर के भाजपा विधायक संजय शर्मा ने नौकरशाहों को अब खुला खत लिखकर चुनौती दी है। शर्मा ने कहा कि उन्हें (पूर्व नौकरशाहों) को सिर्फ दो लोगों की मौत की चिंता है, 21 गायों की नहीं। मुख्यमंत्री को हटाने का अधिकार सिर्फ जनता को है। विधायक संजय शर्मा ने 83 पूर्व अधिकारियों के नाम लिखे इस खत में लिखा है कि आपका खत देखकर ऐसा लगा कि आपका कृत्य राजनीति से प्रेरित है।
संजय शर्मा ने पूर्व नौकरशाहों को खुले खत में कहा, ”आप लोग बुलंदशहर की घटना पर चिंतित हैं। आपका कल्पनाशील दिमाग सुमित और ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार की ही मौत देख पा रहा है। 21 गाय भी मरी हैं, उनकी मौत दिखाई नहीं दे रही। जिन्होंने गायों को मार डाला, वे असली अपराधी थे। गौमाता के हत्यारे भीड़ के कारण निकल गए।”
बुलंदशहर हिंसा के आरोपी शिखर अग्रवाल उर्फ शिखर ने प्रयागराज हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस राम सूरत राम मौर्य और जस्टिस अनिल कुमार की बेंच ने योगी सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी।
याचिका में शिखर ने कहा है कि वह मेडिकल स्टूडेंट है। जांच के बहाने पुलिसकर्मी परिवार का उत्पीड़न कर रहे हैं। इसलिए दूसरी एजेंसियों को जांच का जिम्मा सौंप दिया जाए। इसके विरोध में राज्य सरकार के वकील ने कहा कि हिंसा की जांच के लिए पुलिस ने एसआईटी गठित की है। न्यायिक जांच भी चल रही है।