कंधे नाजुक हैं तो क्या हुआ…? पत्थर और मिट्टी के टीले से इसे ढोना ही इनकी जिंदगी की असल किताब है। किताब, कलम और खेल का संग होने की बजाय मिट्टी फांकना इनकी मजबूरी है। भले ही मोदी-त्रिवेंद्र सरकार स्कूल चलो अभियान को तवज्जो देती है तो क्या हुआ, उन्हीं के राज में टनकपुर पिथौरागढ़ ऑलवेदर रोड के निर्माण में जमकर बाल मजदूरी कराई जा रही है। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑलवेदर रोड का निर्माण तय समय में पूरा करना है। ऐसे में निर्माण करा रही शिवालया कम्पनी ने नियमों को ठेंगा दिखाया, बाल श्रम कानून को ताक पर रख दिया और खुलेआम बाल मजदूर कराई जा रही है।
टनकपुर पिथौरागढ़ ऑलवेदर सड़क निर्माण में लगी शिवालया कम्पनी ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए नेपाली मूल के बाल मजदूरों को मलवा हटाने तथा पत्थर उठाने के कार्य में लगा दिया है। प्रशासन की आंखों के सामने ये हो रहा है। चम्पावत से लोहाघाट के बीच दर्जनों बाल मजदूर निर्माण कार्य में लगाये गये हैं। पूछने पर चम्पावत जिलाधिकारी डॉ. अहमद इकबाल ने मामले की जानकारी से ही पल्ला झाड़ लिया। कहा, पता चला है तो श्रम विभाग और एसडीएम जांच करेंगे।
कुमांऊ मंडल कमिश्नर ने निरीक्षण के दौरान ऑलवेदर सड़क निर्माण में कई खामियां पाईं थीं। अब बाल मजदूरी जैसा संगीन मामला भी सामने मुंह बाये खड़ा है। लेकिन ऊंची पहुंच वाली शिवालया कंपनी के खिलाफ श्रम कानूनों के उल्लंघन मामले में कठोर कार्रवाई होगी भी या नहीं, इसका पता नहीं। APN को ऐक्शन का इंतजार रहेगा क्योंकि अपराध बचपन को कुचलने का है।