ज़िंदगी जीने की ललक औऱ जिंदादिली इंसान को कभी हताश नहीं करती,बस ज़रूरत है कि अपने अच्छे कामों से जिंदगी को खूबसूरत बनाया जाए। ऐसी ही एक मिसाल कायम कर रहे हैं श्रीनगर के रहने वाले अफाक राशिद खान , जो कैंसर से पीड़ित हैं लेकिन दूसरों को मदद करने का जज़्बा उन्हें खास बना देता है ।   

कैंसर रोगी अफाक राशिद खान  श्रीनगर में मरीजों को सहायता प्रदान कर रहे हैं। अब तक अफाक ने घाटी के विभिन्न अस्पतालों में 53 पिन रक्त दान किया है औऱ यही नहीं वो हताश परिवारों को मुफ्त में दवा  भी देते  हैं । श्रीनगर में कल्याण समिति बाना पोरा बटमालू के अफाक राशिद ने जरूरतमंद लोगों के लिए ऑक्सिज़न सिलिंडर एंड कंसेंट्रेटर मशीन की मुफ्त सेवा शुरू की है।

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छत्तीस वर्षीय अफाक रशीद कोविड 19 के समय में  श्रीनगर के बटामालू इलाके में अपने घर के अंदर दवा की व्यवस्था करते हैं। अब तक अफाक ने घाटी के विभिन्न अस्पतालों में न केवल जानने वाले लोगों के लिए बल्कि ज़िले के बाहर हताश परिवारों के लिए मुफ्त में दवा वितरित की है।

2015 में, कैंसर के निदान से पहले अफाक लगातार पेट दर्द से पीड़ित थे 2016 में उनका ऑपरेशन किया गया और उन्हें कई बार कीमो-थेरेपी करानी पड़ी। जिस दिन उन्हें एहसास हुआ कि असली दर्द लोगों के दर्द को बाँटने में है, उन्होंने अपने लोगों के लिए स्वेच्छा से काम करने का संकल्प लिया। अपनी बीमारी के बावजूद अफाक राशिद खान घाटी के गरीब लोगों की रोज़ाना देखभाल करते हैं और इनके दुख दर्द को बाँटते हैं ।

  • एपीएन न्यूज ब्यूरो

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