पाकिस्तान की गरीब जनता पेरशान है। लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं लेकिन यहां के नेता-राजनेता विदेशों में करोड़ों का फ्लैट खरीद रहे हैं। पाकिस्तानी पत्रकार अमहद नूरानी ने बड़ा खुलासा किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि, जनरल परवेज मुशर्रफ को रिटायरमेंट पर दो करोड़ रुपये मिले थे लेकिन उन्होंने लंदन और संयुक्त अरब अमीरात में 20-20 करोड़ रुपये दो फ्लैट खरीदे। उन्होंने लंदन के आलीशान हाइड पार्क इलाके में फ्लैट खरीदा था। इसके अलावा मुशर्रफ ने दुबई में भी आलीशान इलाके में 20 करोड़ रुपये का फ्लैट खरीदा है।
वहीं इस खबर को उजागर करने वाले पत्रकार को जान से मारने की धमकी मिल रही है। नूरानी ने ट्वीट कर कहा कि, पिछले कुछ घंटों में मुझे 100 से ज्यादा मैसेज आए हैं जिसमें मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई है। नूरानी ने कहा कि वे धमकियां देने वाले अकाउंट्स के बारे में सब जानते हैं। फिर भी पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और साइबर क्राइम विंग हमेशा इन अपराधियों के साथ खड़े रहे हैं। फिर भी पाकिस्तान लौटने के कुछ दिन बाद मैं फिर फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के पास जाऊंगा।
नूरानी ने अपनी वेबसाइट फैक्ट फोकस पर जारी रिपोर्ट में ब्रिटेन और यूएई के दस्तावेजों के हवाले से बताया कि मुशर्रफ ने लंदन में 13 मई 2009 को करीब 20 करोड़ रुपये में फ्लैट खरीदा था। यही नहीं इसी वित्तीय वर्ष में मुशर्रफ ने यूएई में भी करीब 20 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का फ्लैट खरीदा था।
पाकिस्तान के चुनाव आयोग के पास वर्ष 2013 में दाखिल किए गए दस्तावेजों में कहा गया है कि मुशर्रफ ने सेना से रिटायर होते समय मिले घर या अपनी एक भी जमीन को बेचा नहीं था। जनरल मुशर्रफ वर्ष अप्रैल 2009 में न्यायपालिका की बहाली के बाद देश छोड़कर चले गए थे।
जनरल मुशर्रफ की इस संपत्ति के खरीद के मामले पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) के पास काफी समय से लंबित हैं पाकिस्तानी के दम पर सत्ता पर काबिज इमरान खान ने नवाज शरीफ को लंदन से वापस लाने के लिए अपना जोर लगा दिया है लेकिन पूर्व सेना प्रमुख मुशर्रफ के खिलाफ कार्रवाई के लिए उनकी हिम्मत नहीं हो रही है।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में इमरान खान के प्यारे पूर्व सैन्य प्रवक्ता जनरल असीम सलीम बाजवा भी फंस गए हैं। बाजवा ने अरबों रुपये के भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद अंतत: पीएम के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन इमरान ने उसे स्वीकार नहीं किया है। पाकिस्तानी सेना और चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर के अध्यक्ष पद पर रहते हुए जनरल बाजवा पर अरबों रुपये की दौलत बनाने का आरोप लगा है