नई दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमले का मामला सामने आया है। उनकी गाड़ी पर पत्थर फेंके गए, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच इस घटना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन घटनाक्रम ने दिल्ली चुनावी माहौल में यह घटना बड़ा मुद्दा बन गई है।
हमले की घटना और आरोप-प्रत्यारोप
‘आप’ का आरोप है कि यह हमला भाजपा सांसद परवेश वर्मा के समर्थकों द्वारा किया गया है। ‘आप’ नेताओं ने इसे एक साजिश करार देते हुए कहा कि भाजपा की यह कोशिश अरविंद केजरीवाल को डराने की है। पार्टी प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि इस कायराना हमले से केजरीवाल डरने वाले नहीं हैं और दिल्ली की जनता भाजपा को करारा जवाब देगी।
दूसरी ओर, भाजपा नेता परवेश वर्मा ने दावा किया कि केजरीवाल की गाड़ी ने उनके दो कार्यकर्ताओं को टक्कर मारी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वर्मा ने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सहानुभूति हासिल करने के लिए यह ड्रामा कर रहे हैं।
‘आप’ और भाजपा के नेताओं की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह हमला भाजपा की हताशा को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पास केजरीवाल के काम का कोई जवाब नहीं है, इसलिए इस तरह के हमलों का सहारा ले रही है।
वहीं, भाजपा नेता आलोक वत्स ने इस घटना को सहानुभूति बटोरने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि हमला किसने किया, लेकिन हो सकता है कि यह केजरीवाल की साजिश हो।
दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल
‘आप’ नेताओं ने दिल्ली पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर राजधानी में मुख्यमंत्री पर हमला हो सकता है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा। ‘आप’ ने मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
चुनावी माहौल और जनता की प्रतिक्रिया
यह घटना नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान हुई, जब माहौल पहले से ही गरम है। दोनों दलों के बीच तीखी बयानबाजी जारी है, लेकिन जनता की प्रतिक्रिया मिलीजुली है। कुछ लोग इसे राजनीतिक खेल बता रहे हैं, तो कुछ इसे सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक मानते हैं।
अरविंद केजरीवाल पर हमले की यह घटना दिल्ली चुनावी राजनीति में बढ़ते तनाव को उजागर करती है। हालांकि, सच्चाई पुलिस जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन इस घटना ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। अब यह देखना होगा कि जनता इसे किस नजरिए से देखती है और इसका चुनावी परिणामों पर क्या असर पड़ेगा।