इंडोनेशिया में एक बार फिर सुनामी काल बनकर आई है। इस सुनामी में 43 लोगों की मौत की खबर सामने आई है, जबकि 600 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इंडोनेशियाई अधिकारियों ने रविवार को जानकारी दी कि क्रैकटो ज्वालामुखी के ‘चाइल्ड’ कहने जाने वाले अनक ज्वालामुखी के फटने से संभवतः यह सुनामी आई है।वैज्ञानिकों के अनुसार, इस द्वीप का निर्माण क्रैकटो ज्वालामुखी के लावा से हुआ है। इस ज्वालामुखी में आखिरी बार अक्टूबर में विस्फोट हुआ था।
इंडोनेशिया के नेशनल डिजास्टर मिटिगेसन एजेंसी के प्रमुख सुतपाओ ने कहा है कि ताजा जानकारी मिलने तक 43 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। सुतपाओ ने बताया कि सुनामी आने से पहले समुद्र की तटहटी में भौगोलिक हलचल हुई। इसकी वजह से कुछ ही देर पहले क्रैकटो ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था। उन्होंने कहा, ” समुद्र की तलहटी में लैंडस्लाइड हुई इसके बाद क्रैकटो ज्वालामुखी सक्रिय हो गया, फिर समुद्र में ऊंची लहरें उठीं। क्रैकटो एक छोटा वॉल्कैनिक द्वीप है। ये द्वीप 1883 में क्रैकटो ज्वालामुखी के फटने के बाद वजूद में आया था।
चश्मदीदों ने बताया कि सुनामी के वक्त समुद्र में 15 से 20 मीटर ऊंची लहरें उठती दिखी। इसके के बाद वह वहां से भाग पड़े। फिर उन्होंने देखा कि समुद्र की लहर उनके होटल परिसर तक पहुंच गई। इसके बाद वह किसी तरह जंगलों और गांवों से होते हुए ऊंचाई वाले स्थान पर पहुंचे, जहां स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की।
आपको बता दें कि इसी साल सुलवेसू द्वीप में आए सुनामी की तबाही में 800 से ज्यादा लोग मारे गए थे। मौसम विभाग के मुताबिक सुंदा स्ट्रेट के कई इलाकों में सुनामी का प्रभाव है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। साथ ही कई लोगों के सुनामी में गायब होने की भी रिपोर्ट है।