बीजेपी और जेडीयू दोनों ही ऐसी पार्टी है जो अक्सर अपने आप को बेदाग और भष्टाचार मुक्त बताती हैं पर इस बार बिहार में बनी इनकी गठबंधन सरकार में तीन-चौथाई मंत्री दागदार हैं।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट की मानें तो बिहार मंत्रिमंडल में 29 मंत्रियों में 22 मंत्री ऐसे हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें नौ मंत्री ऐसे हैं, जिनके विरुद्ध गंभीर प्रकृति के आपराधिक मामले हैं। इन मंत्रियों ने स्वयं अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों का ब्योरा चुनाव आयोग को सौंपा है।

22 ministers in Nitish cabinet are criminal accusedइसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नीतीश ने जिन्हें भ्रष्टाचारी कहकर अपना दामन छुड़ा लिया उस महागठबंधन के मंत्रिमंडल में यह संख्या कम थी। महागठबंधन सरकार में जहां 19 मंत्री यानी 68 फीसदी मंत्री ही आरोपी थे। वहीं नई जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की सरकार में  29 में से 22 मंत्री यानि 76 फीसदी मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी हैं।

इतना ही नहीं सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट में 21 मंत्रियों के पास बड़े पैमाने पर धन संपत्ती है। सीएम नीतीश कुमार के मंत्रियों की संपत्ती करीब 2.46 करोड़ रूपए होने की बात सामने आई है। ऐसे में भ्रष्टाचार मुक्त और विकासवादी सरकार प्रदान किए जाने की नीतीश और नमो सरकार के इस साझा गठबंधन पर प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं।

इतना ही नहीं नई सरकार के नौ मंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास से लेकर 12वीं पास तक ही है, जबकि 18 मंत्री ग्रेजुएट या इससे ऊंची डिग्री वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछली कैबिनेट में दो महिलाएं शामिल की गई थीं, जबकि नई कैबिनेट में सिर्फ एक महिला हैं।

बरहाल अब यह देखना दिलचस्प होगा कि डकैती, चोरी, धोखाधड़ी व महिलाओं के विरूद्ध हिंसा जैसे मामलों में आरोपित मंत्रियों के इस सरकार से बिहार में सुशासन बाबु नीतीश कुमार सुशासन और विकास कैसे कर पाते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here