आधार कार्ड की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बेंगलुरु की सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसायटी (सीआईएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार यह आशंका जताई जा रही है कि देश के करीब 13.5 करोड़ आधार कार्ड का डेटा लीक हो सकता है। रिपोर्ट को चार डेटा बेस की छानबीन करने के बाद तैयार किया गया है।
गौरतलब है कि आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी चार पोर्टल के जरिए लीक हो सकती है। दो डेटा बेस ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़े हैं जिनमें राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम का डैशबोर्ड और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी का पोर्टल शामिल है। इसके अलावा दो डेटा बेस आंध्र प्रदेश से जुड़े हैं। इनमें से एक स्टेट का नरेगा पोर्टल और चंद्रना बीमा नामक सरकारी स्कीम डैशबोर्ड है। इन चारों पोर्टल पर लाखों लोगों की आधार डिटेल मौजूद है, जिसे अब कोई भी देख पाएगा।
इसके अलावा करीब 10 करोड़ लोगों के बैंक खाता संख्या के लीक होने की भी आशंका जताई जा रही है। हालांकि इस विषय पर देश में आधार जारी करने वाली यूनिक आइंडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) का कहना है कि इस तरह डेटा लीक नहीं किया जा सकता है। यूआईडीएआई ने दावा किया है कि उनके अपने डेटाबेस में कोई सेंध नहीं लगा सकता है।
बता दें कि इससे पहले झारखंड में भी कई बार आधार जानकारी लीक होने का मामला सामने आया था और कुछ दिन पहले बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी की भी आधार जानकारी लीक हो गई थी। जिसके बाद धोनी की पत्नी साक्षी ने शिकायत दर्ज कराई थी और संबंधित कंपनी को 10 साल के लिए हटा दिया गया था।