जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। अब जांच एजेंसियों को इस हमले से जुड़ा एक बड़ा नाम मिला है—आदिल अहमद ठोकर। बिजबेहरा के गुरी गांव का रहने वाला आदिल, इस हमले के पीछे की बड़ी साजिश में शामिल पाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसी ने पाकिस्तानी आतंकी को भारत में घुसपैठ करवाई और कई हफ्तों तक उसे शरण भी दी।
पाकिस्तान में आतंकी संपर्कों से जुड़ा था
आदिल साल 2018 में एक वैध छात्र वीजा लेकर पाकिस्तान गया था, लेकिन वहां जाकर उसका कट्टरपंथी सोच की ओर झुकाव और गहरा हो गया। पाकिस्तान में रहते हुए उसने सीमा पार के आतंकी संगठनों के हैंडलरों से संपर्क किया और करीब आठ महीने तक अंडरग्राउंड रहा। इस दौरान भारतीय खुफिया एजेंसियां उसकी हर गतिविधि पर डिजिटल और फिजिकल नज़र रख रही थीं।
पुंछ-राजौरी के रास्ते घुसपैठ, फिर साजिश
2024 में सुरक्षा एजेंसियों ने आदिल पर निगरानी और तेज कर दी। बताया गया कि अक्टूबर में वह कुछ अन्य लोगों के साथ पुंछ-राजौरी सेक्टर की दुर्गम पहाड़ियों से भारत में दाखिल हुआ। इसके बाद उसकी मौजूदगी किश्तवाड़ और फिर त्राल के रास्ते अनंतनाग तक ट्रैक की गई। माना जा रहा है कि इसी दौरान वह एक बार फिर सक्रिय आतंकियों से जुड़ा और हमले की तैयारी की।
बैसरन वैली पर किया हमला, पहले दी पनाह
आदिल ने जिस पाकिस्तानी आतंकी को भारत में दाखिल कराया, उसे कई दिनों तक अपने पास छुपाकर रखा। जब बैसरन वैली में पर्यटकों की आवाजाही फिर से शुरू हुई, तो उसने इस जगह को निशाना बनाने का प्लान बनाया। बैसरन पर हुआ हमला इसी साजिश का नतीजा था।
स्थानीय आतंकियों से मिली थी मदद
प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि इस हमले में शामिल कुल आतंकियों की संख्या 5 से 7 के बीच थी। अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान में प्रशिक्षित कम से कम दो स्थानीय आतंकियों ने भी उन्हें सहायता पहुंचाई थी।