बदलते मौसम से बढ़ सकती है स्किन सोरायसिस की बीमारी, आयुर्वेद में है इसका रामबाण इलाज

र्दियों के मौसम में बाहरी तापमान और घर के अंदर के तापमान में अंतर होने के कारण सोरायसिस की समस्या बढ़ जाती है।

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Psoriasis: बदलते मौसम से बढ़ सकती है स्किन सोरायसिस की बीमारी, आयुर्वेद में है इसका रामबाण इलाज
Psoriasis: बदलते मौसम से बढ़ सकती है स्किन सोरायसिस की बीमारी, आयुर्वेद में है इसका रामबाण इलाज

Psoriasis: देश में भारी बारिश के साथ ही सर्दी ने दस्तक दे दी है। इस मौसम में सर्द हवा के कारण स्किन से जुड़ी काफी समस्याएं हो जाती है। इस समय चलने वाली ठंडी हवाएं न सिर्फ स्किन की नमी को सोख लेती है, बल्कि कई तरह की समस्याएं भी बढ़ा देती हैं। इसके अलावा ठंड के मौसम में बाहरी तापमान न्यूनतम होती है। और अंदर हीटर और वार्मर चलने के कारण इनडोर हीटिंग अलग होती है। इसके कारण भी स्किन प्रॉब्लम होते हैं। जिसमें से सोरायसिस की समस्या काफी ज्यादा देखी जाती है। अब सवाल ये उठता है कि सोरायसिस क्या है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।

Psoriasis: सोरायसिस क्या है?

Psoriasis: बदलते मौसम से बढ़ सकती है स्किन सोरायसिस की बीमारी, आयुर्वेद में है इसका रामबाण इलाज
Psoriasis:

सोरायसिस में इसमें स्किन सेल्स असामान्य दर से मल्टीप्लाई करने लगती है। इससे चेहरे, कोहनी और खोपड़ी पर खुजली, लाल चकत्ते और सफेद धब्बे बन जाते हैं। यह आमतौर पर पूरे शरीर को लंबे समय तक प्रभावित करता है। सर्दियों के मौसम में बाहरी तापमान और घर के अंदर के तापमान में अंतर होने के कारण सोरायसिस की समस्या बढ़ जाती है। इसमें घंटों तक खुजली होती ही रहती है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है।

Psoriasis: इससे बचने के आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज संभव है। आयुर्वेद में कई ऐसे उपचार है जो सोरायसिस का इलाज करने में कारगर है। हर्बल दवाओं और मिट्टी का पेस्ट भी सोरायसिस के इलाज के लिए निवारक के रूप में प्रयोग किया जाता है। सूजन और लाली सोरायसिस के दो लक्षण हैं। एक प्रकार के हर्बल पेस्ट लगाने से भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह सूजन को कम करता है और शरीर को राहत दिलाता है। लहसुन और प्याज का सेवन भी रक्त शोधन का अच्छा एजेंट हो सकता है। यह सोरायसिस के दुष्प्रभावों को कम कर सकता है।

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Psoriasis:

नीम की छाल का उपयोग

औषधीय गुणों में भरपूर नीम के पेड़ की पत्तियां ही नहीं इसकी छाल भी इलाज में कारगर मानी जाती है। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो हेल्थ, बाल और स्किन तीनों के लिए लाभकारी होते हैं। आपको बस नीम के पेड़ की छाल को पीसकर इसका पेस्ट बनाना है और इसे सोरायसिस से प्रभावित स्किन के हिस्से पर लगाना है। इस उपाय को करीब एक हफ्ते तक दोहराएं और आपको फर्क दिखने लगेगा।

चमेली का फूल है असरदार

चमेली का फूल भारत में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसका पेस्ट बनाकर सोरायसिस पर लगाने से फफोले, चकत्ते और सूजन में राहत मिलती है।

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psoriasis treatment in ayurvedic

तुरई के पत्तों का रस

तुरई के पत्तों के रस से स्किन पर होने वाली सोरायसिस की प्रॉब्लम को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि तुरई के पत्तों का रस का लेप बनाकर आप लाल चकत्तों की समस्या से राहत पा सकते हैं। इसके लिए तुरई के पत्तों के रस में नारियल का तेल मिलाएं। इस पेस्ट को प्रभावित स्किन लगाएं और इस उपाय को दो से तीन दिनों तक करें। इससे आपको काफी राहत मिलेगी।

हल्दी का उपयोग करें

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त्वचा से जुड़े किसी भी रोग के लिए हल्दी असरदार है। यह बीमारी से होने वाली सूजन को कम करती है। इसे भोजन में डालकर या फिर टैबलेट या सप्लीमेंट रूप में लिया जा सकता है। इससे सूजन, चकत्ते की समस्या से निजात मिलेगी।

(नोट- यह आर्टिकल सामान्य जानकारी पर आधारित है, अगर आपको ऐसी कोई समस्या है तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।)

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