NFSU के तीसरे दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के 1,562 छात्रों को डिग्रियां और स्वर्ण पदक प्रदान किए

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राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) का तीसरा दीक्षांत समारोह गांधीनगर में शुक्रवार (28 फरवरी 2025) को आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने की। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री श्री हर्ष संघवी भी उपस्थित रहे।

दीक्षांत समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में 1,562 छात्रों को डिग्रियां प्रदान कीं। इनमें 12 छात्रों को डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (PhD), एक छात्र को डॉक्टरेट ऑफ लॉ (LLD) की उपाधि दी गई। इसके अलावा, डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर और स्नातकोत्तर डिप्लोमा धारकों को भी डिग्रियां प्रदान की गईं। साथ ही, राष्ट्रपति ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया।

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न्यायमूर्ति कौशल जयेंद्र ठाकर को राष्ट्रपति के हाथों मिली ‘डॉक्टरेट ऑफ लॉ’ की उपाधि

डॉ. न्यायमूर्ति कौशल जयेंद्र ठाकर, गुजरात राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा डॉक्टरेट ऑफ लॉ (LLD) की उपाधि दी गई।

राष्ट्रपति का संदेश: ‘विकसित भारत के निर्माण में दें योगदान’

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमें एक विकसित भारत के निर्माण के लिए खुद को समर्पित करना होगा, जो एक संवेदनशील न्याय प्रणाली पर आधारित हो।

फॉरेंसिक विज्ञान की बढ़ती वैश्विक महत्ता पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज 15 देशों के 70 से अधिक छात्रों ने इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से अपनी डिग्रियां प्राप्त की हैं, जो कि पूरे विश्व के लिए गर्व की बात है। इसके अलावा, इस विश्वविद्यालय से अब तक सिविल सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, वित्त, बैंकिंग और न्यायपालिका सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लगभग 30,000 अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की भूमिका अपराधों को सीमित करने और नागरिकों के लिए तेज और सुलभ न्याय सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश में फॉरेंसिक विज्ञान-आधारित प्रणाली को मजबूत करने के लिए मिशन मोड में काम किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की।

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डिग्री प्राप्त छात्रों से राष्ट्रपति की अपील

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान का उपयोग विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए करें। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और त्वरित न्याय हमारा एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए।

इस कार्यक्रम में एनएफएसयू के कैंपस डायरेक्टर डॉ. एस. ओ. जुनारे, रजिस्ट्रार श्री सी. डी. जडेजा, हाईकोर्ट के वर्तमान और पूर्व न्यायाधीश, विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित अतिथि, एनएफएसयू गवर्निंग बोर्ड के सदस्य तथा यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, रवांडा, ज़िम्बाब्वे और पोलैंड सहित कई देशों के सम्मानित प्रतिनिधि शामिल हुए। इसके अलावा, बड़ी संख्या में छात्र एवं उनके परिवार के सदस्य भी इस दीक्षांत समारोह में उपस्थित रहे।