लाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इनपर पैन नंबर व पासपोर्ट के लिए पद का दुरुपयोग कर फर्जी दस्तावेज तैयार कराने व उसका फायदा उठाने का आरोप है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि जमानत अर्जी पर साक्ष्य नही देखे जाते किन्तु यह देखा जाता है कि अपराध का लिंक स्थापित हुआ या नही, आरोपी अपराध की पुनरावृत्ति तो नही करेगा और गवाहों पर दबाव तो नही डालेगा ।
कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री पद का दुरूपयोग कर कई आपराधिक कृत्यों पर विचार करते हुए कहा कि आरोपियों को जमानत पर रिहा करना जनहित में नही है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल मे गवाही हो जाने के बाद याची जमानत अर्जी दे सकते है।
कोर्ट ने कहा कि रामपुर के सिविल लाइन थाने में तीन एफ आई आर दर्ज कराये गये हैं। अपने बेटे की फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप है। इस अपराध को तकनीकी तौर पर नही देखा जा सकता। यह आपराधिक षड्यंत्र है। इसकी जड़ मे जाना चाहिए। पद का दुरुपयोग किया गया है। कैबिनेट मंत्री ने अपने मातहत अधिकारियों को धमका कर फर्जी दस्तावेज तैयार कराये।
मंत्री रहते किसानो को लाक अप में बंद कर पिटायी करायी और ट्रस्ट के नाम जबरन बैनामा करा लिया। किसानो ने भी एफ आई आर दर्ज करायी है। ऐसी स्थिति में जमानत पर रिहा करने का आदेश नही दिया जा सकता।