बीते समय में शेयर बाजार में बार-बार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, जिसकी वजह से अब कई निवेशक स्थिर और भरोसेमंद विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। इन्हीं विकल्पों में एक है बॉन्ड, जो न केवल बेहतर रिटर्न देने का वादा करता है, बल्कि एफडी जैसे पारंपरिक निवेश विकल्पों की तुलना में अधिक सुरक्षित और अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला भी होता है।
क्या होता है बॉन्ड?
बॉन्ड एक फिक्स्ड इनकम वाला फाइनेंशियल टूल है, जिसमें सरकार या कोई निजी संस्था पूंजी जुटाने के लिए निवेशकों से पैसा लेती है और एक तय ब्याज दर पर उस राशि को तय समय पर लौटाने का वादा करती है। इसे आप एक तरह का ऋणपत्र मान सकते हैं, जहां निवेशक उधारदाता और बॉन्ड जारी करने वाली संस्था उधार लेने वाली होती है।
बॉन्ड से कितना रिटर्न मिलता है?
बॉन्ड पर मिलने वाला रिटर्न पहले से तय होता है। आमतौर पर यह 6% से लेकर 14% के बीच हो सकता है। अधिकांश बॉन्ड निवेशकों को 8% से 12% के बीच रिटर्न देने में सक्षम होते हैं, जो कि एफडी या बचत योजनाओं से कहीं बेहतर साबित हो सकता है।
बॉन्ड कितने सुरक्षित होते हैं?
सुरक्षा के लिहाज से बॉन्ड को दो हिस्सों में बांटा जाता है:
- सिक्योर्ड बॉन्ड: ये उन बॉन्ड्स को कहते हैं, जिनके बदले में कंपनी कोई संपत्ति गिरवी रखती है। यदि कंपनी भविष्य में भुगतान नहीं कर पाती है, तो निवेशक को वह संपत्ति बेचकर नुकसान की भरपाई करने का अधिकार होता है।
- अनसिक्योर्ड बॉन्ड: इस प्रकार के बॉन्ड में कोई गिरवी संपत्ति नहीं होती, और यदि कंपनी डिफॉल्ट करती है तो निवेशक का पैसा खतरे में पड़ सकता है। ये अपेक्षाकृत जोखिमपूर्ण होते हैं।
बॉन्ड एक स्थिर और भरोसेमंद निवेश विकल्प बनकर उभर रहे हैं, खासकर तब जब बाजार में अस्थिरता हो। हालांकि, निवेश से पहले यह जरूरी है कि आप अपने वित्तीय सलाहकार से राय जरूर लें और यह सुनिश्चित करें कि आपके जोखिम सहने की क्षमता क्या है।
(नोट: यह लेख केवल शैक्षिक जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। निवेश करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।)