US-China trade deal: अमेरिका-चीन के बीच हुआ व्यापार समझौता, ट्रंप ने भारत से भी डील की जताई उम्मीद

0
2

US-China trade deal: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि अमेरिका और चीन के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। ट्रंप के अनुसार, इस हफ्ते की शुरुआत में ही दोनों देशों के बीच यह डील फाइनल हो गई थी, जिसकी पुष्टि अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने भी की है। हालांकि, समझौते के ब्योरे अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

चीन से डील के बाद भारत की बारी?

व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी संकेत दिए कि अमेरिका जल्द ही भारत के साथ भी एक बड़ा व्यापार समझौता कर सकता है। उन्होंने कहा, “हम सभवतः भारत के लिए रास्ते खोलने जा रहे हैं। यह एक बहुत बड़ा समझौता हो सकता है।”

दुर्लभ खनिजों की पहुंच पर स्पष्टता नहीं

हालांकि, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अपने बयान में यह साफ नहीं किया कि अमेरिका को दुर्लभ खनिजों तक पहुंच मिलेगी या नहीं। इलेक्ट्रिक व्हीकल और हाई टेक्नोलॉजी उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले इन खनिजों का एक्सपोर्ट चीन अक्सर नियंत्रित करता रहा है, जो दोनों देशों के बीच तनाव का बड़ा कारण रहा है। मंत्रालय ने सिर्फ इतना कहा कि चीन, निर्यात आवेदनों को कानून के अनुसार मंजूरी देगा।

प्रतिबंध होंगे खत्म, बराबरी की शर्त पर सहमति !

इस समझौते के तहत अमेरिका चीन पर लगाए गए कुछ प्रतिबंधों को वापस लेगा, वहीं दोनों देश बराबरी के आधार पर पहल करने को राजी हुए हैं। वाणिज्य मंत्री लुटनिक ने कहा कि ट्रंप प्रशासन लगातार व्यापारिक समझौतों की ओर बढ़ रहा है और आने वाले समय में और भी समझौते किए जाएंगे।

ट्रंप की सख्त टैरिफ नीति जारी

राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका हर देश के साथ समझौता नहीं करेगा। कुछ देशों को सीधे टैरिफ लगाने का विकल्प चुनेंगे। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों को हम सिर्फ एक चिट्ठी भेजकर कहेंगे कि आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आप 25, 35 या 45 प्रतिशत टैरिफ का भुगतान करेंगे। ये एक आसान तरीका है।”

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होना वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिहाज से एक सकारात्मक संकेत है। यह कदम दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापार युद्ध को कम करने की दिशा में एक ठोस पहल माना जा सकता है। हालांकि, समझौते की शर्तों को लेकर अभी भी पारदर्शिता नहीं है, खासकर दुर्लभ खनिजों की उपलब्धता जैसे अहम मुद्दों पर। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के साथ भी जल्द एक बड़े व्यापारिक समझौते की बात करना भारत-अमेरिका संबंधों को नई दिशा दे सकता है। गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल को घोषित नई टैरिफ नीति पर फिलहाल 9 जुलाई तक रोक लगा रखी है। आने वाले समय में यह स्पष्ट होगा कि ये समझौते कितने व्यावहारिक और संतुलित साबित होते हैं, और वैश्विक व्यापार पर इनका कितना असर पड़ता है।