पहले ही दिन शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट, सेंसेक्स लुढ़का 1100 अंक, जानिए 3 मुख्य कारण

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पहले ही दिन शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट, सेंसेक्स लुढ़का 1100 अंक, जानिए 3 मुख्य कारण
पहले ही दिन शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट, सेंसेक्स लुढ़का 1100 अंक, जानिए 3 मुख्य कारण

अमेरिकी प्रशासन द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा और व्यापारिक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को शुरुआती कारोबार में ही गिरावट का सामना करता हुआ नजर आया। सेंसेक्स में 1100 अंकों की बड़ी गिरावट आई, जबकि निफ्टी भी इसी तरह की गिरावट से प्रभावित रहा।

बीएसई सेंसेक्स आज सुबह 500 अंक से ज्यादा गिरकर 76,882.58 अंकों पर खुला, जबकि इसका पिछले बंद स्तर 77,414.92 था। लगभग 10:35 बजे सेंसेक्स में 981 अंकों की गिरावट आई और यह 76,434 पर कारोबार कर रहा था। सुबह 11:15 बजे सेंसेक्स में और गिरावट आई और यह 1.44% घटकर 76,300.09 पर पहुंच गया।

वहीं, निफ्टी-50 में भी भारी गिरावट देखी गई। सुबह 11:15 बजे निफ्टी-50 इंडेक्स 278.65 अंक गिरकर 23,240.70 अंक पर था, यानी इसमें 1.18% की गिरावट आई थी। आइये जानते हैं कि कौन से तीन बड़े कारण थे जिनकी वजह से भारतीय बाजार में ये गिरावट आई:

टैरिफ प्लान पर अनिश्चितता: ट्रंप प्रशासन की ओर से अप्रैल में लागू होने वाले टैरिफ को लेकर निवेशकों के बीच चिंता का माहौल है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने फॉक्स न्यूज़ से कहा कि डोनाल्ड ट्रंप बुधवार दोपहर 3 बजे व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम में इस टैरिफ प्लान के बारे में अधिक जानकारी देंगे। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैरिफ के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव जरूर होगा, लेकिन इससे भारत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि अमेरिका के आयातित सामानों पर टैरिफ कम किया गया है।

RBI की मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक 7 से 9 अप्रैल के बीच होने वाली है, जिसमें ब्याज दरों और नीतिगत निर्णयों पर चर्चा होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई 9 अप्रैल को 25 बेसिस प्वाइंट्स का कटौती निर्णय ले सकता है, जो बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकता है।

चौथे क्वार्टर के नतीजों को लेकर सतर्कता: बाजार के लिए अब महत्वपूर्ण है भारतीय कंपनियों के चौथे क्वार्टर के नतीजे। पिछले तीन क्वार्टरों में निराशाजनक परिणामों के बाद, उम्मीद है कि चौथे क्वार्टर में कुछ सुधार देखने को मिलेगा। अगर चौथे क्वार्टर के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं आते, तो इससे मार्च में हुए सुधार पर असर पड़ सकता है। जानकारों का मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 के पहले और दूसरे क्वार्टर में सुधार देखने को मिल सकता है। इस तरह की अनिश्चितताओं के बीच भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।