कर्ज लेने वालों के लिए खुशखबरी! भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट घटाकर 5.25% कर दिया है, जिससे होम, कार और पर्सनल लोन अब पहले से सस्ते पड़ेंगे। बढ़ती कीमतों और लगातार बोझिल होती EMI के बीच उपभोक्ताओं को यह राहत बड़ी उम्मीद के रूप में मिली है।
शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस अहम फैसले की घोषणा की। रेपो रेट में 0.25% की कटौती के साथ बैंकों के लिए आरबीआई से सस्ता कर्ज लेना आसान होगा और इसका सीधा लाभ ग्राहकों को कम EMI के रूप में मिलेगा।
गवर्नर ने बताया कि 3 से 5 दिसंबर के बीच आर्थिक स्थिति, वैश्विक माहौल, खपत की मांग और गिरती महंगाई का गहराई से मूल्यांकन किया गया। फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है—दूसरी तिमाही में GDP 8.2% की रफ्तार से बढ़ी, जबकि अक्टूबर 2025 में रिटेल महंगाई 0.25% तक सिमट गई, जो अब तक का न्यूनतम स्तर है। यही वजह रही कि ब्याज दर कम करना इस समय एक सही कदम माना गया।
लोन पर सीधा असर
रेपो रेट में गिरावट का मतलब है कि बैंक कम ब्याज पर पूंजी जुटा पाएंगे। इससे होम लोन की किस्तें घटेंगी, कार लोन की दरें कम होंगी और पर्सनल लोन भी सस्ता हो सकता है। त्योहारों के बाद उपभोक्ताओं के लिए यह राहत बड़ा प्रोत्साहन साबित हो सकती है।
बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने की तैयारी
RBI ने सिर्फ रेपो रेट कम नहीं किया, बल्कि सिस्टम में तरलता बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए हैं—
- STF रेट घटकर 5%
- MSF और बैंक रेट 5.5%
- 1 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड की OMO खरीद
- 5 बिलियन डॉलर की तीन साल की डॉलर–रुपया बाय-सेल स्वैप पहल
- इन कदमों का उद्देश्य बाजार में पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखना और विकास की रफ्तार को सपोर्ट देना है।
न्यूट्रल स्टांस जारी
MPC ने मौद्रिक नीति में अपना न्यूट्रल रुख बरकरार रखा है, यानी RBI आगे भी महंगाई और ग्रोथ के बीच संतुलन को प्राथमिकता देगा।









